देहरादून: राजधानी देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यहां नया टर्मिनल बनकर तैयार है। एयरपोर्ट का बदला-बदला रूप देश-विदेश के यात्रियों को जरूर पसंद आएगा। तमाम खूबियों से लैस यह आधुनिक टर्मिनल बिल्डिंग जल्द ही एयरपोर्ट अथॉरिटी के हैंडओवर होने जा रही है। देहरादून हवाई अड्डे की नई बिल्डिंग 18 सौ यात्री क्षमता वाली है। इसके निर्माण का काम अहलूवालिया लिमिटेड कंस्ट्रक्शन कंपनी करा रही है। कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज राजीव बनसोडे ने बताया कि बिल्डिंग को संवारने का काम जारी है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। नई बिल्डिंग की खूबसूरती भी देखने लायक है। करीब 353 करोड़ की लागत से बनी जौलीग्रांट एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग हर मामले में बेजोड़ है। एयरपोर्ट पर गढ़वाल और कुमाऊं की संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। नए टर्मिनल के बनने के बाद एयरपोर्ट की क्षमता अनुमानित दस गुना तक बढ़ जाएगी।
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बिल्डिंग के डिजायन को बनाते वक्त उत्तराखंड की संस्कृति का खास ध्यान रखा गया है, ताकि यहां आने वाले यात्रियों को देवभूमि में होने का अहसास हो। बिल्डिंग में उत्तराखंड के चारों धामों के साथ ही ब्रह्मकमल की झलकियां नजर आएंगी। उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाते हुए बेहतर काम करने की कोशिश की गई है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल में 20 विमान एक साथ खड़े हो सकेंगे। यहां 36 चेक इन काउंटर होंगे। यात्रियों के लिए छह लिफ्ट लगाई गई हैं। चार स्वचालित सीढ़ियां और चार बोर्डिंग ब्रिज बनाए हैं। इस बिल्डिंग में एक बार में 900 यात्रियों के आगमन व 900 यात्रियों के प्रस्थान की क्षमता होगी। यहां आठ छोटे और 12 बड़े विमान एक साथ खड़े हो सकेंगे। हवाई सेवाओं के बढ़ने के साथ जौलीग्रांट एयरपोर्ट दूसरे शहरों से जुड़ने लगा है। फ्लाईट में बढ़ोतरी होने पर हवाईयात्रियों की संख्या बढ़ रही है। शासन सिर्फ एयरपोर्ट ही नहीं, इससे जुड़ी सड़कों को भी संवार रहा है। एमडीडीए ने एयरपोर्ट को जोड़ने वाली सड़कों के सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की है।