उत्तराखंड चमोलीE-courts started in 5 districts of Uttarakhand

बधाई: उत्तर भारत का पहला राज्य बना उत्तराखंड, 5 जिलों में शुरू हो गई E-कोर्ट..जानिए फायदे

उत्तराखंड के 5 पहाड़ी जिलों में कल से शुरू हुई ई कोर्ट वैन सुविधा, इसे शुरू करने वाला उत्तराखंड उत्तर भारत का पहला राज्य बना

Uttarakhand E Court: E-courts started in 5 districts of Uttarakhand
Image: E-courts started in 5 districts of Uttarakhand (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड में कल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 5 जिलों में पहली बार मोबाइल ई कोर्ट वैन का शुभारंभ हुआ। अब उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में गवाहों को कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे कोर्ट आए बिना घर से ही अपने बयान का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायाधीश के सामने दर्ज करा सकेंगे। अदालतों में लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण और दूरस्थ क्षेत्रों में जनता को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति आरएस चौहान ने न्याय दिलाने के लिए यह पहल की है। प्रथम चरण में प्रदेश के पहाड़ी जिले टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चंपावत में यह सुविधा शुरू हुई है। धीरे-धीरे समस्त प्रदेश में ई-कोर्ट वैन की शुरुआत की जाएगी। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान ने मोबाइल ई कोर्ट वैन को हरी झंडी दिखाकर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस योजना का शुभारंभ किया और पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी और चंपावत जिलों में कल से मोबाइल ई कोर्ट की योजना शुरू हुई। बेहद अनोखी बात यह है कि उत्तर भारत में मोबाइल ई कोर्ट की शुरुआत करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। इससे पहले केवल दक्षिण भारत में तेलंगाना राज्य ने लोगों की सुविधा के लिए मोबाइल ई कोर्ट की शुरुआत की है।

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रविवार को हाई कोर्ट परिसर में मोबाइल ई-कोर्ट उद्धघाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया और मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने मोबाइल ई कोर्ट के पांच वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ई कोर्ट वाहनों की शुरुआत की गई है ताकि पहाड़ी क्षेत्रों में प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने वाले लोगों की दुर्गमताओं और कष्टों को कम किया जा सके और उनको कोर्ट कचहरी के धक्के न खाने पड़ें। उत्तराखंड की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियां खराब हैं। ऐसे में लोगों को न्यायालय तक आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए और वादों के त्वरित निस्तारण के लिए यह योजना शुरू की गई। यह वैन सीधा गवाहों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट से जोड़ेगी। दहेज, छेड़खानी दुष्कर्म एवं अन्य वादों में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों के अलावा केस से जुड़े डॉक्टरों एवं अन्य अधिकारियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा और उनको भी कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। फिलहाल चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और टिहरी गढ़वाल के लिए एक-एक वाहन रवाना किया जा रहा है मगर यह कोशिश रहेगी कि सभी जिलों में जल्द दो- दो वाहन संचालित किए जा सकें। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, रजिस्ट्रार जरनल धनंजय चतुर्वेदी, कंप्यूटर रजिस्ट्रार अम्बिका पन्त, मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, बार एसोसिएशन अध्यक्ष अवतार सिंह रावत समेत अन्य लोग मौजूद रहे।