उत्तराखंड देहरादूनSDRF Jawan Rajendra Nath conquers Mount Elbrus

उत्तराखंड SDRF जवान ने यूरोप में लहराया तिरंगा, फतह की महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी

एसडीआरएफ के जवान राजेंद्र नाथ ने यूरोप महाद्वीप स्थित सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह करके इतिहास रचा दिया

SDRF Jawan Rajendra Nath: SDRF Jawan Rajendra Nath conquers Mount Elbrus
Image: SDRF Jawan Rajendra Nath conquers Mount Elbrus (Source: Social Media)

देहरादून: यूरोप महाद्वीप स्थित सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को पार करने मेंं किस तरह के मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ता है, ये हर कोई जानता है। गजब के जुनून और जज्बे की जरूरत होती है, जिसमें अच्छे खासे पर्वतारोही भी हार मान लेते हैं तो वहीं इस सबसे ऊंचे शिखर के मुश्किल हालातों का सामना करके एसडीआरएफ के जवान राजेंद्र नाथ ने यूरोप महाद्वीप स्थित सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह करके इतिहास रचा दिया है। साथ ही यह उपलब्धि हासिल करने वाले राजेंद्र नाथ उत्तराखंड पुलिस के प्रथम पुलिस कर्मी बन गए हैं, जवान राजेंद्र नाथ ने अपने आत्मविश्वास और अपनी हिम्मत का बखूबी प्रदर्शन कर यह साबित कर दिया है कि अगर कुछ करने की ठान लो तो चाहे कितनी भी विषम परिस्थितियां सामने आ जाएं आपको आपके लक्ष्य से वे दूर नहीं कर सकतीं, वहीं आरक्षी राजेंद्रनाथ की इस सफलता पर उत्तराखंड पुलिस में उत्साह का माहौल है. DGP अशोक कुमार ने राजेंद्रनाथ की इस सफलता पर उन्हें बधाई दी है.

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - पिथौरागढ़ की शीतल ने इतिहास रचा, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर 15 अगस्त को फहराया तिरंगा
बता दें की 60 एक्सप्लोरर महाराष्ट्र द्वारा 09 अगस्त से 17 अगस्त 2021 तक यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर एक्सपीडिशन का आयोजन किया गया था। जिसका उदेश्य स्वतंत्रता दिवस पर माउंट एलब्रुस पर आरोहण कर भारतीय ध्वज फहराना था लेकिन 13,14 और 15 को खराब मौसम की चेतावनी चलते टीम ने बड़ा साहस दिखाते हुए 12 अगस्त को ही एलब्रुस को फतह कर वहा तिरंगा फहराया, गौरतलब है की पुलिस बल में इतने सालों के अनुभव का लाभ निश्चित तौर पर आरक्षी राजेन्द्र नाथ को मिला होगा जो वर्ष 2001 से उत्तराखंड पुलिस में सेवा दे रहे है। आरक्षी राजेन्द्र नाथ पूर्व में भी एक कीर्तिमान हासिल कर चुके है जिसमें यह उत्तराखंड के प्रथम पुलिसकर्मी बने है जिन्होंने माउंट त्रिशूल का सफलतापूर्वक आरोहण किया है। माउंट त्रिशूल को पर्वतारोहियों द्वारा प्री- एवरेस्ट समिट के रूप में किया जाता है। राजेन्द्र नाथ द्वारा पूर्व में भी सतोपंथ, चंद्रभागा-13 एवं डीकेडी-2 का भी सफलतापूर्वक आरोहण किया था।