उत्तराखंड देहरादूनAfghan families living in Dehradun

देहरादून में रह रही हैं अफगान राजपरिवार की पीढ़ियां, वतन के हालात देख भर आई आंखें

अफगानिस्तान का दर्द भला उन लोगों से बेहतर कौन समझ सकता है, जिन्हें मजबूरी में अपना वतन छोड़ने पुर मजबूर होना पड़ा।

Dehradun Afghani Family: Afghan families living in Dehradun
Image: Afghan families living in Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: अफगानिस्तान में इंसानियत को तार-तार किया गया है। बेशर्म तालिबान ने अमेरिकी सेना के जाने के तुरंत बाद जिस तरह की क्रूर हरकतें की हैं, उसे दुनियाभर के लोगों ने देखा। ये दर्द भला उन लोगों से बेहतर कौन समझ सकता है, जिन्हें मजबूरी में अपना वतन छोड़ने पुर मजबूर होना पड़ा। इस दर्द को वो लोग भी समझ सकते हैं, जो अपने मुल्क से बाहर रह रहे हैं। कुछ ऐसा ही देहरादून में भी है। ये बात तो आप जानते ही होंगे कि देहरादून में भी इस वक्त कई अफगानिस्तानी परिवार रह रहे हैं। इन्हीं में एक परिवार बादशाह का भी है। देहरादून में इस वक्त बादशाह की चौथी पीढ़ी रह रही है। कहा जाता है कि 1876 में बादशाह का परिवार यहां शिफ्ट हुआ था। उनकी चचेरी बहन सुहैला करजई 7 महीने पहले तक अफगानिस्तान में जनरल रह चुकी हैं। इस व्कत बादशाह का परिवार भारत समेत कई मुल्कों से अफगानिस्तान की मदद अपील कर रहा है। दूसरे अफगान युद्ध के बाद बादशाह का परिवार 1876 में देहरादून आया था। आगे पढ़िए

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परिवार के वंशज मोहम्मद अली खान बताते हैं कि इस दौरान बादशाह के साथ अफगानी बासमती देहरादून पहुंची। अफगानी बासमती इसके बाद देहरादून की मिट्टी में ऐसी रची-बसी कि देहरादून की ही होकर रह गई। देहरादून और मसूरी में बाला हिसार एस्टेट, बादशाह परिवार की ही है। इस वक्त परिवार के सदस्य मोहम्मद अली खान राजपुर रोड इलाके में रह रहे हैं। अफगान बादशाह परिवार के सदस्य मोहम्मद अली खान कहते हैं कि इस वक्त अफगानिस्तान को पूरे संसार से मदद की दरकार है। वहां रहने वाली बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा अहम है। दरअसल वहां के लोगों को पता है कि तालिबानी किस तरह का व्यवहार करते हैं। मोहम्मद अली खान कहते हैं कि काबुल में रहने वाले एक डॉक्टर से बात हुई। उन्होंने बताया कि पूरे देश की जनता घबराई हुई है। महिलाओं और बच्चों का जीना मुश्किल हो गया है। इस वक्त बादशाह का परिवार पूरे विश्व से अफगानिस्तान की मदद की अपील कर रहा है।