देहरादून: कहते हैं पूत कपूत हो सकता है, लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती। पर बदलते वक्त के साथ मानवीय संवेदनाएं भी खत्म होती जा रही हैं। देहरादून में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने ममता को शर्मसार कर दिया। यहां रायवाला में कलयुगी मां ने बच्ची को जन्म देते ही उसे मरने के लिए सड़क पर छोड़ दिया। रात दो बजे सड़क किनारे पड़ी बच्ची बुरी तरह रो रही थी। वो तो भला हो उत्तराखंड पुलिस के जवानों का, जिन्होंने बच्ची पर नजर पड़ते ही उसे तुरंत अस्पताल पहुंचा दिया। इस तरह समय पर देखभाल मिलने से बच्ची की जान बच गई। घटना सोमवार रात की है। रात करीब दो बजे उत्तराखंड पुलिस के दो जवान संदीप और सोमवीर गश्त पर निकले थे। जैसे ही ये लोग नेपाली फॉर्म के पास पहुंचे, उन्होंने सड़क किनारे एक नवजात को पड़े देखा। कोई अपने नवजात शिशु को चादर में लपेटकर सड़क किनारे ईंटों के पीछे छोड़ गया था। बच्ची रो रही थी।
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हैरान-परेशान जवानों ने घटना की सूचना तुरंत रायवाला थाने को दी। वहां से वाहन मंगवाया गया। वाहन की मदद से बच्ची को ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया गया। रायवाला के थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि बच्ची कुछ देर पहले ही जन्मी थी। बच्ची के जन्म के तुरंत बाद ही उसे छोड़ दिया गया। सड़क किनारे पड़ी बच्ची जानवरों का निवाला बन सकती थी, उसके साथ कोई अनहोनी हो सकती थी, लेकिन चीता पुलिस के जवान समय रहते बच्ची तक पहुंच गए। गश्ती टीम की सजकता के चलते बच्ची को समय पर मदद मिल गई। उसकी जान बचा ली गई। डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची की सेहत ठीक है। पुलिस बच्ची को लावारिस हालत में छोड़ने वाले की खोजबीन कर रही है। मामले की जांच-पड़ताल जारी है।