उत्तराखंड टिहरी गढ़वालStory of Sanjay of Tehri Garhwal Gumal Village

गढ़वाल: भाभी, भाई और मां को तलवार से काट डाला, जानिए उस बेरहम हत्यारे बेटे की कहानी

मामूली से विवाद पर गर्भवती भाभी, भाई और मां को तलवार से काटने वाले बेटे के बेरहम हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी..जानिए उस क्रूरता का पूरा किस्सा-

tehri garhwal news: Story of Sanjay of Tehri Garhwal Gumal Village
Image: Story of Sanjay of Tehri Garhwal Gumal Village (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: हत्याकांड की कई खबरें आपने सुनी होंगी... मगर यह खबर उन सभी हत्याकांडों में सबसे अधिक खतरनाक और सबसे अधिक बेरहम है। कल राज्यसमीक्षा पर आप सभी ने खबर पढ़ी होगी। खबर है नई टिहरी के गजा तहसील के गुमाल गांव की। इस गांव में 7 साल पहले कुछ ऐसा हुआ जिसको ग्रामीण आज भी भुला नहीं पाए हैं। 7 साल पहले इस गांव के अंदर एक युवक ने बेरहमी से अपने ही परिवार के तीन सदस्यों का मर्डर कर दिया गया। उस युवक को बीते बुधवार को न्यायालय ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। मृत्यु दंड की सजा सुनाने की खबर सुनने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। मगर वह दिन आज भी भुलाए नहीं भूलता। गढ़वाल में एक ऐसे मर्डर की कहानी जिसको सुनकर आप के भी हाथ-पांव फूल जाएंगे। चलिए आपको बताते हैं गढ़वाल के सबसे बेरहम और खतरनाक हत्याकांड की वो दास्तां जिसने सभी को अंदर से हिला कर रख दिया था।

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नई टिहरी में गजा तहसील के गुमाल गांव में 7 साल पहले एक मामूली विवाद में गांव के ही एक युवक संजय सिंह ने अपने परिवार के तीन सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। घटना के बाद से ग्रामीण दहशत में आ गए थे। उस वक्त पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और 7 साल से आरोपी जेल में बंद है। बात है 13 दिसंबर 2014 की..एक ऐसा दिन जिसको गांव के लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। गांव के सरफिरे संजय सिंह ने बेहद मामूली से विवाद में अपने भाई, अपनी मां और गर्भवती भाभी की बेरहमी से हत्या कर दी थी। दरअसल उसके सगे भाई सुरेंद्र सिंह ने उसको मामूली सी बात पर डांट दिया था। इसके बाद वह तैश में आ गया और उसने अपने घर में रखी तलवार निकाली उसको धार दी और जंगल में बकरियां चराने गईं भाभी कांता देवी पर तलवार से हमला कर दिया और उनका सर उनके धड़ से अलग कर दिया। अपने भाभी की हत्या करने के बाद उसने अपने भाई सुरेंद्र सिंह की भी तलवार से मार कर हत्या कर दी। वहीं जब उसकी मां मीना देवी को घटना का पता लगा तो वह भी घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ी।

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अपने भाई और अपनी भाभी को बेरहमी से मौत के घाट उतारने के बावजूद भी आरोपी को चैन नहीं पड़ा और उसने अपनी मां को भी नहीं छोड़ा और जंगल में ही अपनी मां को भी तलवार से मारकर उनकी हत्या कर दी। तीनों की हत्या करने के बाद वह अपने पिता की हत्या करने की भी फिराक में था। खुशकिस्मती से उसके पिता बाजार गए हुए थे जिस कारण वह बच गए। तीनों परिजनों की हत्या करने के बाद वह अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक और तलवार लेकर घर के कमरे में कैद हो गया। तीनों लोगों की हत्या कांड के बाद गांव में कोहराम मच गया और गांव वालों ने पुलिस को इस बारे में सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने उसको कमरे से बाहर आने के लिए कहा जिसके बाद वह बंदूक से फायरिंग करने की धमकी देता रहा। रात को पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग कर उस को हिरासत में लिया। घर में तीन सदस्यों की हत्या से सहमे उसके पिता रामसिंह ने अपने आरोपी पुत्र के खिलाफ राजस्व पुलिस में तहरीर दी। 3 महीने के बाद राम सिंह की भी मृत्यु हो गई मगर आरोपी संजय सिंह 7 साल से जेल में कैद है और यह केस चल रहा है। आखिरकार 7 वर्षों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद बुधवार को न्यायालय ने अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा सुनाई जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।