उत्तराखंड अल्मोड़ाUma Patwal dies of chain snatching in Delhi

दिल्ली में गढ़वाल की उमा पटवाल का निधन, रक्षाबंधन के दिन बेरहम बदमाश ने की थी स्नैचिंग

पहले कहा जा रहा था कि उमा सड़क हादसे में घायल हुई हैं, बाद में मामला स्नैचिंग से जुड़ा निकला। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Uma Patwal Delhi: Uma Patwal dies of chain snatching in Delhi
Image: Uma Patwal dies of chain snatching in Delhi (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: एक बुरी खबर दिल्ली एनसीआर से आ रही है। जहां मंगोलपुरी इलाके में चेन स्नैचिंग के दौरान घायल महिला की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मरने वाली महिला की शिनाख्त 38 साल की उमा पटवाल के रूप में हुई। पहले कहा जा रहा था कि उमा सड़क हादसे में घायल हुई हैं, बाद में मामला स्नैचिंग से जुड़ा निकला। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों बेगमपुर निवासी प्रिंस और नरेश को गिरफ्तार किया है। आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने 127 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। घटना वाले दिन उमा पटवाल रक्षाबंधन के लिए अपने भाई के घर जा रही थीं। 22 अगस्त की सुबह सड़क पर घिसटने के कारण उन्हें गंभीर रूप से घायल हालत में संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह बेहोश थीं। तब महिला की पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस ने सड़क हादसे की धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। बाद में पता चला कि उमा स्नैचिंग के दौरान घायल हुई थीं। घटना को लेकर उत्तराखंडी समाज में गुस्से का माहौल है।

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घटना वाले दिन वो ई-रिक्शा पर सवार होकर अपने भाई के घर जा रही थीं। तभी बाइक सवार बदमाशों ने उमा का पीछा करना शुरू कर दिया। उन्होंने उमा से मोबाइल और पर्स छीनने की कोशिश की, लेकिन उमा विरोध करने लगीं। इसी दौरान वो ई-रिक्शा से नीचे गिरकर बुरी तरह घायल हो गई थीं। उमा छह दिन तक अस्पताल में भर्ती रहीं, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद वो बच नहीं सकीं। वो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के भनोली की रहने वाली थीं। परिवार में पति मोहन सिंह व दो बच्चे हैं। छतरपुर में रहने वाली उमा रक्षाबंधन के दिन सुल्तानपुरी में रहने वाले अपने भाई के पास जा रही थीं। इसी दौरान बदमाशों ने उमा का पर्स छीना। विरोध करने पर बदमाश उन्हें घसीटते हुए ले गए, जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गईं। उन्हें सुल्तानपुरी के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 6 दिन तक उमा मौत से लड़ती रहीं, लेकिन अफसोस कि वो जीत नहीं सकीं।