देहरादून: नेशनल डिफेंस अकादमी ... एक ऐसा संस्थान जिसमें जाने की इच्छा लगभग हर उस युवा की होती है जिसका सपना होता है भारतीय सेना का अटूट अंग बन देश की सेवा करने का। हर वर्ष सैकड़ों बच्चे इंडियन आर्मी में जाने का सपना देखते हैं और एनडीए की परीक्षा में अपीयर होते हैं मगर सफलता केवल उन्हीं लोगों को मिलती है जिन्होंने इस परीक्षा के लिए जी-तोड़ मेहनत की हो। हाल ही में एनडीए परीक्षा के परिणाम घोषित हुए जिसमें देहरादून राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री एकेडमी के आदित्य सिंह राणा ने प्रथम रैंक प्राप्त की है और पूरी इस संस्थान का नाम गौरवान्वित किया है। हाल ही में इंडिया 2020 की परीक्षा के परिणाम घोषित हुए और उत्तराखंड के आदित्य सिंह राणा मैं ऑल इंडिया प्रथम रैंक प्राप्त की है बता दें कि एनडीए 2020 की अंतिम मेरिट लिस्ट में पूरे देश के केवल 478 युवा ही जगह बना पाए और देहरादून राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री एकेडमी के आदित्य सिंह राणा ने प्रथम रंग प्राप्त कर यह साबित कर दिया है कि अगर मन में कुछ करने की ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं है। सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले आदित्य सिंह राणा ने अपने परिवार की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इंडियन आर्मी जॉइन करने की तरफ एक बड़ा कदम उठाया है। वे अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं जो कि भविष्य में भारतीय सेना में अपनी सेवा देंगे। उनके पिता आरपीएस राणा भी भारतीय सेना का हिस्सा हैं। उनके दादा ने भी 1971 में हुई लड़ाई में अपना योगदान दिया था। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - गढ़वाल के रोहित चमोली को बधाई, एशियन जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड
उनके परदादा ने भी वर्ल्ड वॉर वन में युद्ध लड़ा था और भारत की रक्षा की थी। उनके मामा कर्नल अजमेर सिंह 35 सालों से सेना में सेवा दे रहे हैं वहीं उनके नाना जी भी भारतीय सेना का हिस्सा रह चुके हैं। आदित्य सिंह राणा को सेना में जाने का प्रोत्साहन उनके ही परिवार से मिला है। उनका कहना है कि बचपन से वे आर्मी के वातावरण में पले-बढ़े हैं और बचपन से ही उनके अंदर भारतीय सेना में सेवा देने का जुनून सवार था और यही वजह है कि उन्होंने एनडीए परीक्षा देने का निर्णय लिया और जी तोड़ मेहनत कर प्रथम रैंक अर्जित की। प्रथम प्रयास में ही उन्होंने ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक अर्जित कर पूरी राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री एकेडमी को गौरवान्वित किया है। उनके पिता आरपीएस राणा ने कहा है कि उनको उनके बेटे के ऊपर गर्व है और वह यह हमेशा से चाहते थे कि उनका बेटा अपने परिवार की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाए और भारतीय सेना में शामिल होकर देश की रक्षा करे। एनडीए में उनके सलेक्शन के बाद से ही उनके परिवार में खुशी का माहौल है।