उत्तराखंड देहरादून15 year boy died due to dog bite in dehradun

उत्तराखंड: कुत्ते के काटने से 15 साल के बच्चे की मौत, इलाके में पसरा सन्नाटा

परिवारवालों ने कुत्ते के काट लेने की घटना को गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें लगा कि ये सामान्य बात है, नीरज ठीक हो जाएगा, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।

dehradun dog bite: 15 year boy died due to dog bite in dehradun
Image: 15 year boy died due to dog bite in dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड की सड़कों पर घूमते आवारा कुत्ते लोगों की जान के लिए आफत बने हुए हैं। मामला विकासनगर क्षेत्र का है, जहां पागल कुत्ते के काटने से 15 साल के किशोर की मौत हो गई। जान गंवाने वाला किशोर एक होटल में काम करता था। उसकी मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना चकराता तहसील की है। जहां क्वारना गांव का रहने वाला 15 साल का नीरज साहिया बाजार में एक होटल में काम करता था। करीब एक माह पहले उसे पागल कुत्ते ने काट लिया। इस मामले में गलती कहीं न कहीं उसके परिवार वालों की भी है। परिवारवालों ने कुत्ते के काट लेने की घटना को गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें लगा कि ये सामान्य बात है, नीरज ठीक हो जाएगा, दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। दो दिन पहले नीरज को बुखार आया। साथ ही वह पानी से डरने लगा। इस पर नीरज को सीएचसी विकासनगर उपचार के लिए ले जाया गया, जहां वह पागलों जैसी हरकतें करने लगा। नीरज की हालत लगातार बिगड़ रही थी। बाद में डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए और नीरज को हायर सेंटर रेफर कर दिया, जहां नीरज ने शुक्रवार देर रात को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - गढ़वाल: अचानक सड़क पर आ गिरा पहाड़, किस्मत से बची स्कूटी सवार की जान..देखिए
परिजनों ने लापरवाही न बरती होती और नीरज को समय पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाई होती, तो शायद उसकी जान बच जाती। यहां आपको रैबीज के बारे में कुछ काम की बातें बताते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि ये सिर्फ कुत्ते के काटने से होता है, लेकिन बिल्ली, बंदर, गीदड़, लोमड़ी या नेवले के काटने से भी रैबीज हो सकता है। यह एक विषाणु जनित रोग है। जो कि किसी जानवर के काटने से स्वस्थ व्यक्ति या पशु के शरीर में प्रवेश करते हैं और नाड़ियों से मस्तिष्क में पहुंचकर उसमें बीमारी के लक्षण पैदा करते हैं। अगर कभी कुत्ता काट ले तो घाव को 15 मिनट तक साफ पानी से धोएं। 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज की पहली डोज लगवाएं। इसके बाद कुछ समय के अंतराल पर फिर से वैक्सीन लगवानी होती है। झाड़-फूंक और घरेलू उपचार के चक्कर में न पड़ें, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।