उत्तराखंड ऋषिकेशShivani gupta won silver modeling Asian championship

ऋषिकेश की शिवानी ने एशियन चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल, फाइटर बेटी को बधाई दें

ऋषिकेश की मार्शल आर्ट कोच शिवानी गुप्ता ने एशियन जु-जित्सु चैंपियनशिप में भारत को दिलाया रजत पदक, आप भी दें बधाई

Shivani gupta: Shivani gupta won silver modeling Asian championship
Image: Shivani gupta won silver modeling Asian championship (Source: Social Media)

ऋषिकेश: उत्तराखंड की बेटियों को सलाम है... खेलकूद के क्षेत्र में देवभूमि का नाम रौशन करने में होनहार लड़कियां कम नहीं हैं। हर एक खेल में उत्तराखंड की होनहार और मेहनती बच्चियों का नाम दर्ज है। नेशनल ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी राज्य की बेटियां उत्तराखंड और भारत का परचम बुलंद कर रही हैं। आज हम आपका परिचय ऐसी ही होनहार प्रतिभाशाली बेटी से करवाने जा रहे हैं जिन्होंने जु-जित्सु चैंपियनशिप में मार्शल आर्ट में भारत को रजत पदक दिलाया है और उत्तराखंड और देश का नाम गौरवान्वित किया है। हम बात कर रहे हैं ऋषिकेश की मार्शल आर्ट कोच शिवानी गुप्ता की जिन्होंने आबू धाबी यूएई में आयोजित हो रही पांचवी एशियन जु-जित्सु चैंपियनशिप में भारत को रजत पदक दिलाया है। आज चैंपियनशिप का आखिरी दिन है और जु-जित्सु चैंपियनशिप में ऋषिकेश की मार्शल आर्ट्स कोच शिवानी गुप्ता ने रजत पदक प्राप्त कर अपनी काबिलियत का शानदार प्रदर्शन किया है।

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बता दें कि यूएई के आबूधाबी में जु-जित्सु एशियन यूनियन चैंपियनशिप का आयोजन हुआ। 13 से 16 सितंबर तक चली इस चैंपियनशिप में ऋषिकेश की शिवानी गुप्ता ने भारत का नाम ऊंचा किया है। शिवानी गुप्ता ने देश को रजत पदक दिलाकर अपनी काबिलियत का प्रदर्शन किया। इसी के साथ उन्होंने 2022 में होने वाले एशियन इंडोर मार्शल आर्ट्स गेम के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपने गुरु विनोद लखेरा को दिया है। शिवानी ने जु-जित्सु एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड एवं इंडिया के महासचिव रेंसी विनय कुमार जोशी का भी आभार व्यक्त किया। शिवानी गुप्ता ने बताया कि जु-जित्सु मार्शल आर्ट में कांटेक्ट फाइट सिस्टम ट्रेनिंग देने में सबसे बड़ा सहयोग वर्ल्ड चैंपियन एवं जु-जित्सु एसोसिएशन ऑफ नैनीताल के महासचिव सेंसेई विनोद लखेरा जी का रहा है। कोरोना काल के दौरान उन्होंने विनोद लखेरा के साथ जु-जित्सु मार्शल आर्ट का अभ्यास जारी रखा जिसका परिणाम है कि उन्हें पूरी दुनिया के समक्ष अपने भारत देश का परचम लहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।