उत्तराखंड टिहरी गढ़वालZila panchayat adhyaksh sona sajwan water conservation

गढ़वाल: एक जिला पंचायत अध्यक्ष ऐसी भी, गांवों के धारे बचाए.. दिया शानदार लुक

सोना सजवाण खुद एक पहाड़ी महिला हैं, इसलिए पानी के लिए महिलाओं के संघर्ष को समझती हैं।

Tehri zila panchayat adhyaksh sona sajwan: Zila panchayat adhyaksh sona sajwan water conservation
Image: Zila panchayat adhyaksh sona sajwan water conservation (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: भीषण गर्मी के दौरान पानी की कमी से जूझने वाले उत्तराखंड में जल संरक्षण के लिए अनूठे प्रयोग किए जा रहे हैं। पहाड़ की महिलाएं जल स्त्रोतों को बचाने और उनके संरक्षण में अहम योगदान दे रही हैं। टिहरी गढ़वाल की जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ऐसी ही शख्सियत हैं। वो खुद एक पहाड़ी महिला हैं, इसलिए पानी की महत्ता को बेहतर तरीके से समझती हैं। सोना सजवाण जानती थीं कि अगर हमें पहाड़ों को संवारना है, उन्हें सहेजना है तो पानी के धारे बचाने होंगे। इसलिए जब उन्हें टिहरी जिला पंचायत की अध्यक्ष बनने का मौका मिला तो उन्होंने सबसे पहले धारों के जीर्णोद्धार की मुहिम छेड़ी। इस मुहिम के शानदार नतीजे देखने को मिले हैं। सोना सजवाण के प्रयास से जिले के सौ से ज्यादा धारों का जीर्णोद्धार किया गया। भिलंगना विकासखंड का फलिंडा ऐसे ही गांवों में से एक हैं, जहां प्राकृतिक जल स्त्रोत को सहेजने के लिए शानदार काम किया गया है। गांव की महिलाएं रोजमर्रा के कामों के लिए जलस्त्रोतों पर निर्भर रही हैं। आगे पढ़िए

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  • सोना सजवाण की धारों को बचाने की मुहिम

    Sona Sajwan water conservation
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    Sona Sajwan का कहना है कि पहले यहां पानी भरने में बहुत दिक्कत होती थी। धारे के पास पहुंचने के लिए रास्ता नहीं था। जानवर भी यहीं नहाते थे। हर तरफ पानी और गंदगी बिखरी नजर आती थी। हम चाहते थे कि हालात बदलें, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब जिला पंचायत अध्यक्ष ने यहां धारे का जीर्णोद्धार कराया है। इससे हमको काफी सहूलियत मिली है। महिलाओं को अब पानी भरने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। पशुओं को नहलाने के लिए अलग से जगह बनाई गई। अब यहां कहीं भी गंदगी नहीं दिखाई देती।

  • कई गांवों में जल स्त्रोत बचेंगे

    Sona Sajwan Water Conservation in Falind Village of Uttarakhand
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    सबसे अच्छी बात ये है कि जीर्णोद्धार के दौरान प्राकृतिक जल स्त्रोत से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई। सिर्फ फलिंडा ही नहीं जिले के कई गांवों में जल स्त्रोतों को बचाने के लिए इसी तरह के काम किए गए हैं। Sona Sajwan द्वारा प्राकृतिक जल स्त्रोतों को सहेजने की मुहिम की हर तरफ तारीफ हो रही है, उनके जिले के गांव जल संरक्षण की मिसाल बनकर उभरे हैं। आगे सोना सजवाण की मुहिम पर तैयार एक वीडियो देखिए, उनका काम देखकर आप भी उन्हें सैल्यूट करेंगे।

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