टिहरी गढ़वाल: भीषण गर्मी के दौरान पानी की कमी से जूझने वाले उत्तराखंड में जल संरक्षण के लिए अनूठे प्रयोग किए जा रहे हैं। पहाड़ की महिलाएं जल स्त्रोतों को बचाने और उनके संरक्षण में अहम योगदान दे रही हैं। टिहरी गढ़वाल की जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ऐसी ही शख्सियत हैं। वो खुद एक पहाड़ी महिला हैं, इसलिए पानी की महत्ता को बेहतर तरीके से समझती हैं। सोना सजवाण जानती थीं कि अगर हमें पहाड़ों को संवारना है, उन्हें सहेजना है तो पानी के धारे बचाने होंगे। इसलिए जब उन्हें टिहरी जिला पंचायत की अध्यक्ष बनने का मौका मिला तो उन्होंने सबसे पहले धारों के जीर्णोद्धार की मुहिम छेड़ी। इस मुहिम के शानदार नतीजे देखने को मिले हैं। सोना सजवाण के प्रयास से जिले के सौ से ज्यादा धारों का जीर्णोद्धार किया गया। भिलंगना विकासखंड का फलिंडा ऐसे ही गांवों में से एक हैं, जहां प्राकृतिक जल स्त्रोत को सहेजने के लिए शानदार काम किया गया है। गांव की महिलाएं रोजमर्रा के कामों के लिए जलस्त्रोतों पर निर्भर रही हैं। आगे पढ़िए
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