उत्तराखंड पिथौरागढ़Death sentence for brother in pithoragarh

उत्तराखंड: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, 4 साल की बहन से रेप करने वाले भाई को सजा-ए-मौत

बच्ची के माता-पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद वो बड़े भाई के साथ रहने लगी, लेकिन हवस के शिकार सौतेले भाई ने रिश्तों की परवाह किए बगैर लगातार 6 महीने तक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।

Pithoragarh brother death sentence: Death sentence for brother in pithoragarh
Image: Death sentence for brother in pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ में अपनी साढ़े 4 साल की सौतेली बहन से 6 महीनों तक दुष्कर्म करने वाला आरोपी जल्द ही अपनी घिनौनी करतूत का अंजाम भुगतेगा। जिला अदालत ने आरोपी के अपराध को जघन्य मानते हुए उसे मौत की सजा सुनाई। पिथौरागढ़ में इस फैसले ने इतिहास रच दिया है, क्योंकि जिले में ये पहला मामला है, जबकि रेप के दोषी को मौत की सजा मिली है। यही नहीं जानकार सिर्फ 6 महीनों के भीतर हुए इस फैसले को काफी अहम बता रहे हैं। सिर्फ साढ़े चार साल की बच्ची के साथ रेप के इस मामले का खुलासा कैसे हुआ ये भी बताते हैं। आरोपी का नाम जनकराज है। उसके खिलाफ इसी साल 3 अप्रैल को जाजरदेवल थाने में मामला दर्ज हुआ था। जानकारी के मुताबिक पीड़ित बच्ची के माता-पिता का देहांत हो चुका था।

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जिसके बाद वो अपने सौतेले भाई के साथ रहने लगी थी, लेकिन हवस के शिकार सौतेले भाई ने रिश्तों की परवाह किए बगैर लगातार 6 महीने तक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। पड़ोस में रहने वाली एक महिला को जब इसका पता चला तो उसने पुलिस को सूचना दी। हवस में अंधे हो चुके जनकराज ने साढ़े 4 साल की बच्ची के प्राइवेट पार्ट को भी काफी नुकसान पहुंचाया था। पीड़ित की तरफ से इस मामले पर शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत ने कोर्ट में जोरदार पैरवी की, जिसके बाद कोर्ट ने जनकराज को अपराधी करार देते हुए सज़ा ए मौत का फरमान सुनाया। जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत ने कहा कि रेप जैसे घृषित अपराधों को अंजाम देने वालों के लिए ये फैसला मील का पत्थर साबित होगा। पिथौरागढ़ जिले में ऐसा पहली बार हुआ है कि रेप के किसी मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई। सिर्फ 6 महीनों के भीतर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पिथौरागढ़ के लिए यह फैसला कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुआ है।