उत्तराखंड हल्द्वानीJanki panday petrol pump worker haldwani story

उत्तराखंड: जानकी को सलाम, पति का सहारा बनी..पेट्रोल पंप पर करती हैं काम

जानकी के पति परचून की दुकान में काम करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में जानकी पेट्रोल पंप में काम करके अपने परिवार को सहारा दे रही हैं।

Janki panday haldwani: Janki panday petrol pump worker haldwani story
Image: Janki panday petrol pump worker haldwani story (Source: Social Media)

हल्द्वानी: बदलते वक्त के साथ समाज में महिलाओं की भूमिका भी बदल रही है। अब उनकी दुनिया सिर्फ चूल्हे-चौके तक सीमित नहीं है। वो घर की दहलीज से बाहर निकल रही हैं, जिन क्षेत्रों को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता है। उनमें काम कर अपनी काबिलियत साबित कर रही हैं। हल्द्वानी की जानकी पांडे ऐसी ही शख्सियत हैं। जानकी हल्द्वानी के एक पेट्रोल पंप पर काम करती हैं। बड़े शहरों में महिलाएं अक्सर पेट्रोल पंप पर काम करती दिख जाती हैं, लेकिन उत्तराखंड के छोटे शहरों में ऐसा कम ही देखने को मिलता है। जानकी कहती हैं कि महंगाई में अपने परिवार की आर्थिक स्थिति संभालने के लिए उन्हें पेट्रोल पंप पर काम करना पड़ रहा है, लेकिन उन्हें इसका अफसोस नहीं, बल्कि खुशी है। वो अपने पति का हाथ बंटाने के लिए पेट्रोल पंप पर काम कर रही हैं। जानकी पांडे सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक पेट्रोप पंप पर काम करती हैं।

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जानकी के पति एक परचून की दुकान में काम करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में जानकी ने पेट्रोल पंप पर काम करने को एक चुनौती की तरह स्वीकार किया और अपने काम में तन्मयता से जुट गईं। पेट्रोल पंप पर अकेली महिला कर्मचारी होने के बावजूद 8 घंटे खड़े रहकर काम करना उनके लिए काफी मुश्किल भरा होता है, पर जानकी ने कभी हार नहीं मानी। वो कहती हैं कि मुझे इस बात की खुशी है कि मैं पुरुषों से कम नहीं हूं। उनकी तरह मेहनत कर सकती हूं। पेट्रोल पंप के मालिक वीरेंद्र चड्ढा भी उनकी तारीफ करते नजर आते हैं। वो बताते हैं कि जानकी पांडे रोजगार मांगने के लिए आईं थी। जानकी की माली हालत को देखते हुए उन्होंने उसे काम पर रख लिया। जानकी पुरुषों के मुकाबले ज्यादा काम करती हैं। सच कहें तो जानकी जैसी महिलाएं ही महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल हैं, जो अपनी हिम्मत और मेहनत से समाज की सोच बदलने में जुटी हैं।