पिथौरागढ़: बेमौसम बारिश के चलते उत्तराखंड में भारी नुकसान हुआ है। अब तक 64 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर आ चुकी है। कई लोग लापता हैं, जबकि हजारों लोग जगह-जगह फंसे हुए हैं। पर्वतीय इलाकों में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड के दूसरे इलाकों की तरह पिथौरागढ़ के दारमा घाटी में भी 80 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं। बर्फबारी में फंसकर दो लोगों की मौत की सूचना भी आई है। ये पर्यटक पहाड़ों की खूबसूरत वादियों में सुकून तलाशने गए थे, लेकिन अचानक बदले मौसम के चलते ये सफर इनके लिए बुरा सपना बनकर रह गया। पर्यटकों ने प्रशासन से रेस्क्यू करने की गुहार लगाई है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में आफत की बारिश थम गई है, लेकिन उच्च हिमालयी इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है, जो कि लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। दारमा घाटी से भी बुरी खबर आई है।
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यहां भारी बर्फबारी में दबने से दो लोगों की मौत हो गई। जान गंवाने वाले लोग चरवाहे थे, जो कि बकरियों को चराने बुग्याल गये थे। इस बीच बर्फबारी होने लगी। जिसमें दोनों चरवाहों की मौत हो गई। उनके साथ गए अन्य लोगों ने इस मामले की सूचना ग्रामीणों को दी। मरने वालों में चल गांव निवासी शंकर सिंह और दीपक सिंह शामिल हैं। फिलहाल दोनों के शव नहीं मिले हैं। घटनास्थल से दोनों शवों को रेस्क्यू करने के लिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। बारिश के बाद दारमा घाटी को जोड़ने वाला तवाघाट-दांतू मार्ग जगह-जगह बंद पड़ा है। यहां दो दर्जन से अधिक गांवों की हजारों की आबादी कैद हो गई है। इसके अलावा दारमा घाटी में 80 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं। ये पर्यटक पंचाचूली के दर्शन करने गये थे। रास्ता बंद होने की वजह से सभी दुग्तू और दांतू गांव में ही फंसे हुए हैं। पर्यटकों ने प्रशासन से सुरक्षित रेस्क्यू करने की गुहार लगाई है, ताकि वो अपने घर लौट सकें।