हल्द्वानी: सरकार खेल प्रतिभाओं को निखारने के तमाम दावे कर रही है, लेकिन इन दावों का सच क्या है, ये जानना हो तो हल्द्वानी चले आइए। यहां डिग्री कॉलेज के सामने ठंडी सड़क पर एक शख्स टेंपो, बाइक और स्कूटी, साइकिल पर वेल्डिंग करता दिखता है। फटे कपड़ों और मोबिल से सने हाथों वाले इस शख्स का नाम सफीक अहमद (former Mister Kumaon Safiq Ahmed) है। सफीक वो शख्स हैं, जिन्होंने बॉडी बिल्डिंग में कुमाऊं क्षेत्र को पहचान दिलाई। वो पांच बार के मिस्टर कुमाऊं रह चुके हैं, लेकिन शासन और फेडरेशन की अनदेखी के चलते आज ये होनहार खिलाड़ी वाहनों की वेल्डिंग कर पेट पाल रहा है। सफीक हल्द्वानी के आजाद नगर में रहते हैं। साल 1996 में 18 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर कुमाऊं का खिताब जीता। इसके बाद वो पांच बार मिस्टर कुमाऊं के खिताब से नवाजे गए। उत्तराखंड बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन से खेलने वाले सफीक अहमद 10 से ज्यादा बार मिस्टर नैनीताल भी चुने गए, लेकिन आज हाल ये है कि इस होनहार को फुटपाथ पर स्कूटी-साइकिल की वेल्डिंग करनी पड़ रही है.
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