उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वाल5 students of HNB selected in International Astronomical Exploration Cooperation Program

बधाई: गढ़वाल यूनिवर्सिटी के 5 छात्र करेंगे एस्टेरॉयड की खोज, प्रोग्राम के लिए हुआ चयन

उत्तराखंड के 5 होनहार छात्रों को एस्टेरॉयड यानी क्षुद्र ग्रह की खोज के लिए चलाए जा रहे प्रोग्राम का हिस्सा बनने का मौका मिला है।

International Astronomical Exploration Collaboration Programme: 5 students of HNB selected in International Astronomical Exploration Cooperation Program
Image: 5 students of HNB selected in International Astronomical Exploration Cooperation Program (Source: Social Media)

श्रीनगर गढ़वाल: एस्टेरॉयड यानी क्षुद्र ग्रह। अंतरिक्ष की दुनिया के वो रहस्य जिन्हें लेकर जब-तब डराने वाली सूचनाएं मिलती रहती हैं। जो एस्टेरॉयड खतरनाक श्रेणी में होते हैं, वो धरती से टकराने पर भयानक परिणाम दे सकते हैं। एस्टेरॉयड के बारे में आज आपको इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि अपने उत्तराखंड के 5 होनहार छात्रों को इनकी खोज के लिए चलाए जा रहे प्रोग्राम का हिस्सा बनने का मौका मिलने जा रहा है। यह कार्यक्रम पहली से 26 नवंबर तक आयोजित होगा। जिसमें गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के पांच छात्र हिस्सा लेंगे। यह जानकारी गढ़वाल विवि के वरिष्ठ भौतिक वैज्ञानिक डॉ. आलोक सागर गौतम ने दी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रबंधन (नासा) समर्थित अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग कार्यक्रम के तहत क्षुद्र ग्रहों (एस्टेरॉयड) की खोज के लिए आयोजित किया जा रहा है।

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जिसमें गढ़वाल यूनिवर्सिटी से चुने गए छात्र डॉ. आलोक सागर गौतम के नेतृत्व में पृथ्वी के पास स्थित ऑब्जेक्ट और मंगल तथा बृहस्पति ग्रह के मध्य क्षुद्र ग्रहों की खोज करेंगे। इसमें गढ़वाल विवि के शोध छात्रों को हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। जिन छात्रों का चयन हुआ है। उनमें शोध छात्र संजीव कुमार, कर्ण सिंह व परास्नातक के महावीर प्रसाद और शिवानी कुलासरी तथा स्नातक के प्रवीण कुमार शामिल हैं। डॉ. आलोक सागर गौतम ने बताया कि क्षुद्र ग्रह अंतरिक्ष के चट्टानी व वायुहीन सदस्य हैं। यह सूर्य की परिक्रमा करते हैं और इनका आकार ग्रहों से छोटा होता है। पृथ्वी के करीब के क्षुद्र ग्रहों को नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट या नीओ कहा जाता है। गढ़वाल विश्वविद्यालय की टीम खगोल विज्ञान संस्थान (हवाई विश्वविद्यालय) की पैन-स्टार्स टेलिस्कोप से प्राप्त खगोलीय डेटा इमेजेस पर शोध कर क्षुद्र ग्रहों की खोज करेगी। नासा का यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्रसंघ के सहयोग से संचालित स्पेस जेनेरेशन एडवाइजरी काउंसिल की ओर से पहली से 26 नवंबर तक आयोजित होगा।