देहरादून: दिवाली के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में वायु प्रदूषण (Dehradun Air Pollution) के कारण लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। दिवाली के कई दिनों के बाद भी प्रदूषण के स्तर में कोई सुधार नहीं आया है। दीपावली के बाद वायु प्रदूषण और एयर क्वालिटी इंडेक्स में भी कोई भी सुधार नहीं हुआ है। ऐसे में देहरादून के अंदर सांस लेने वाले मरीजों को प्रदूषण और खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल दिल्ली में इस समय हालात बेकाबू हो रखे हैं और दिल्ली में खराब हुई हवा के कारण उत्तराखंड पर भी असर पड़ने का खतरा जताया जा रहा है। हालांकि पूरे उत्तराखंड में दीपावली के बाद वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता है मगर इस साल राजधानी देहरादून में वायु प्रदूषण ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देहरादून में प्रदूषण सामान्य से 6 से 7 गुना अधिक है जिस वजह से देहरादून में दिल्ली जैसे खतरे का अनुमान लगाया जा रहा है। आगे पढ़िए
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जी हां, डॉक्टरों ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। हवा में पीएम 10 के लिए वार्षिक औसत स्तर 20 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 24 घंटे के लिए 50 माइक्रों प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। देहरादून में यह 6 से 7 गुना तक अधिक बना हुआ है जोकि खतरे का संकेत है। देहरादून में दीपावली के बाद वायु प्रदूषण और एयर क्वालिटी इंडेक्स में जो उछाल आया है वह अभी भी बरकरार है जिस वजह से देहरादून में सांस लेने में घुटन का खतरा बढ़ा हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार हवा में मौजूद खतरनाक तत्व नुकसान पहुंचा सकते हैं और खासकर कि श्वास संबंधित समस्याओं वाले मरीजों को उसके कारण परेशान होना पड़ सकता है। ज्यादा समय तक खुले में रहने का सीधा असर शरीर पर पड़ता है और श्वसन तंत्र के साथ ही इससे खून एवं किडनी तक पर प्रदूषण (Dehradun Air Pollution) का बुरा असर पड़ता है।