पौड़ी गढ़वाल: देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने दुखद हादसे में दुनिया को अलविदा कह दिया। पूरा देश सदमे में है, निशब्द है। सैनिक पिता के बेटे जनरल बिपिन रावत को उत्कृष्ट सैनिक के साथ ही बड़े रणनीतिकार के तौर पर भी याद किया जाएगा। ये उत्तराखंड का गौरव है कि इस माटी ने देश को जनरल बिपिन रावत जैसा बहादुर योद्धा दिया, जो हर किसी के जीवन पर अमिट छाप छोड़ गया है। अब सिर्फ उनकी यादें ही शेष रह गई हैं। जनरल रावत के 43 साल लंबे मिलिटरी करियर में उनके साथ यह कोई पहला हेलिकॉप्टर हादसा नहीं था। वो कई बार मौत को मात दे चुके थे। ऐसे ही एक हादसे के बाद उन्होंने अपने सीनियर से कहा था, 'मैं पहाड़ी आदमी हूं...मरने वाला नहीं हूं।' लेकिन इस बार क्रूर नियति ने उनको हमसे छीन लिया। मिलिटरी कॉलेज ऑफ टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमजी दातार (रिटायर्ड) कहते हैं कि जब हमें हादसे के बारे में पता चला तो मुझे पूरा यकीन था कि वह सकुशल बच जाएंगे और एक बार फिर उसी तरह मौत के मात देंगे जैसे करीब एक दशक पहले उन्होंने तब किया था, जब वो '3 स्पियर कोर' के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) थे। दरअसल, करीब 7 साल पहले 2015 में भी जनरल रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। तब वह लेफ्टिनेंट जनरल थे।
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