उत्तराखंड देहरादूनBharat Singh of Dehradun became an officer in the army

उत्तराखंड: 7 साल पहले सेना में भर्ती हुए भरत, मेहनत नहीं छोड़ी..कठिन टेस्ट पास कर बने लेफ्टिनेंट

भरत करीब 7 साल पहले बतौर सिपाही 12 मैकेनाइज्ड इंफेंट्री रेजिमेंट में शामिल हुए थे। अपनी मेहनत और लगन के दम पर अब वो सेना में अफसर बन गए हैं।

Dehradun Bharat Singh Army Officer: Bharat Singh of Dehradun became an officer in the army
Image: Bharat Singh of Dehradun became an officer in the army (Source: Social Media)

देहरादून: शनिवार को देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में अंतिम पग भरते ही 319 नौजवान भारतीय सेना की मुख्यधारा में बतौर सैन्य अफसर शामिल हो गए। इनमें कई युवा ऐसे हैं, जिनकी कई पीढ़ियां सेना में सेवा देती आ रही हैं। देहरादून निवासी भरत सिंह ऐसे ही युवा हैं। बीते दिन भरत सिंह बतौर अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। उनकी ये सफलता कई मायनों में खास है। दरअसल भरत सिंह बतौर सिपाही भारतीय सेना में शामिल हुए थे। उनमें नेतृत्व क्षमता थी और इसी बात ने उन्हें सेना में अफसर बनने के लिए प्रेरित किया। भरत सिंह का परिवार दून के बालावाला में रहता है। उनके दादा, पिता और ताऊ सेना में रहे हैं। भरत के बड़े भाई ने भी करियर के रूप में सेना को चुना। ऐसे में भरत बचपन में ही तय कर चुके थे कि उन्हें सेना में ही जाना है। वह 12 मैकेनाइज्ड इंफेंट्री रेजिमेंट में बतौर सिपाही भर्ती हो गए।

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सात साल तक निष्ठा से ड्यूटी करने के बाद उन्हें आर्मी कैडेट कॉलेज ने सैन्य अफसर बनने का मौका दिया। यहां से वो आईएमए पहुंचे और कठिन परिश्रम के बाद शनिवार को बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। जब उनके कंधों पर सितारे सजाने का मौका मिला तो पिता बलवंत सिंह गर्व से भर उठे। उन्होंने कहा ‘मेरा बेटा साहब बन गया’। भरत ने सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए परिवार का मान बढ़ाया है। भरत के दादा सेना से बतौर सिपाही सेवानिवृत्त हुए हैं। जबकि पिता बलवंत सिंह नायक और ताऊ हवलदार के रैंक से रिटायर्ड हैं। उनके भाई खिलाफ सिंह वर्तमान में 12 मैकेनाइज्ड इंफेंट्री रेजिमेंट में हवलदार हैं। भरत करीब 7 साल पहले बतौर सिपाही 12 मैकेनाइज्ड इंफेंट्री रेजिमेंट में शामिल हुए थे। अपनी मेहनत और लगन के दम पर अब वो सेना में अफसर बन गए हैं।