उत्तराखंड श्रीनगर गढ़वालVillagers Stoped Rishikesh Karnprayag Rail Line Work in Srinagar Reason is This

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का विरोध, गांव वालों ने बंद कराया सुरंग का काम

एक ओर Rishikesh Karnprayag rail line का निर्माण कार्य तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है, तो वहीं कई जगहों पर इसका विरोध शुरू हो गया है।

Rishikesh Karnprayag Rail Line: Villagers Stoped Rishikesh Karnprayag Rail Line Work in Srinagar  Reason is This
Image: Villagers Stoped Rishikesh Karnprayag Rail Line Work in Srinagar Reason is This (Source: Social Media)

श्रीनगर गढ़वाल: Rishikesh Karnprayag rail line केंद्र की महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में से एक है। एक ओर रेललाइन का निर्माण कार्य तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है, तो वहीं कई जगहों पर इसका विरोध भी किया जा रहा है। बुधवार को पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में भी ग्रामीण रेल सुरंग निर्माण के खिलाफ लामबद्ध हो गए। ग्रामीणों ने सभासद विभोर बहुगुणा के नेतृत्व में रेल सुरंग निर्माण स्थल पर हो रहे निर्माण को रुकवा कर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीण किस बात से नाराज हैं, ये भी बताते हैं।

Rishikesh Karnprayag Rail Line Tunnel:

इन दिनों तोल्यूं क्षेत्र में रेल सुरंग निर्माण का काम चल रहा है। ग्रामीणों कहना है कि "जिस रास्ते पर निर्माण कराया जा रहा है, वो क्षेत्र की जनता के लिए बहुत जरूरी है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने निर्माण कार्य के चलते रास्ता बंद कर दिया है। सुरंग निर्माण के लिए जगह-जगह विस्फोट किए जा रहे हैं, जिससे मकानों पर भी खतरा बना हुआ है। इस संबंध में आरवीएनएल जरूरी कार्रवाई करे"

ये भी पढ़ें:

वहीं रेल सुरंग निर्माण कार्य बंद होने पर स्थानीय प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आरवीएनएल अधिकारियों को तुरंत मौके पर बुलाया गया। आरवीएनएल के प्रबंधक विनोद बिष्ट ने आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से बात की। इस दौरान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे विभोर बहुगुणा ने कहा कि तोल्यूं नागराजा मंदिर और जंगल की ओर जाने वाले पुराने आम रास्ते की सुविधा बहाल की जाए। रेल सुरंग निर्माण कार्य से आवासीय भवनों को नुकसान नहीं होना चाहिए। Rishikesh Karnprayag rail line पर सुरंग निर्माण से अगर किसी मकान को कोई क्षति पहुंचेगी तो आरवीएनएल उसकी क्षतिपूर्ति करेगा। आरवीएनएल के प्रबंधक विनोद बिष्ट ने सभी मांगों को पूरा करने को लेकर लिखित में आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर दो घंटे बाद निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो सका। बता दें कि रेल लाइन बनाने के लिए हो रहे विस्फोटों से मकानों में दरार पड़ने की घटनाएं दूसरे क्षेत्रों में भी सामने आ चुकी हैं। रुद्रप्रयाग के मरोड़ा गांव के लोग भी इसी तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।