उत्तराखंड पिथौरागढ़Harish Rawat seat Uttarakhand assembly elections

उत्तराखंड: हरदा चुनाव लड़ेंगे या लड़वाएंगे? जानिए क्या है अगली रणनीति

क्या पूर्व सीएम हरीश रावत खुद चुनाव लड़ेंगे? या कांग्रेस उत्तराखंड राजनीति के सबसे अनुभवी नेता का करेगी पत्ता साफ? उत्तराखंड चुनाव में सबसे बड़ा सवाल

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Image: Harish Rawat seat Uttarakhand assembly elections (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: इस वक्त उत्तराखंड के सियासी गलियारों में एक अहम सवाल जो सबके मन में उठ रहा है, वह है कांग्रेस पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा। कांग्रेस पार्टी ने अबतक सीएम कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। पार्टी अपने उम्मीदवारों को तय करने के अंतिम दौर में आ चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कांग्रेस अपनी पहली लिस्ट जारी कर देगी। प्रत्याशियों के चयन के बीच आज भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत खुद भी चुनाव लड़ेंगे या फिर चुनाव लड़वाएंगे? क्या चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस उत्तराखंड के सबसे अनुभवी चेहरे का इस्तेमाल करेगी या भाजपा की तरह युवा कैंडिडेट को रण में उतारेगी। इस सवाल का जवाब उत्तराखंड में बीते कई महीने से न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा समेत बाकी दल भी जानने को बेकरार हैं। हरदा से चुनाव लड़ने को सवाल पूछो तो वे इस सवाल को बेहद सफाई से टाल जाते हैं। रावत शुरू से कहते आ रहे हैं कि उनका चुनाव लड़ना या न लड़ना हाईकमान और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ही तय करेंगे। वो जहां से कहेंगे, मैं चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर जाऊंगा।

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पार्टी सूत्रों के अनुसार रावत का फोकस अभी चुनाव के प्रचार एवं प्रसार में है। ऐसे में पहला तर्क यह दिया जा रहा है कि रावत के समर्थक उनके लिए ऐसी सीट तलाश रहे हैं जो अपेक्षाकृत सरल हो और उसके साथ ही उसका प्रभाव आसपास की अन्य सीटों पर भी पड़े। इसलिए फोकस मैदान के बजाए पहाड़ की सीट पर ही ज्यादा है। अगर वे किसी ऐसी सीट से चुनाव लड़ते हैं जिस पर पहले से ही कोई बेहद शक्तिशाली कैंडिडेट खड़ा हुआ हो उनके हाथ सीट जाने के पूरे पूरे चांस हैं। इसीलिए इस परिषद को मैदानों के बजाय पहाड़ों से चुनाव लड़वाया जा सकता है। चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष होने के नाते रावत को प्रदेशभर में पार्टी के लिए प्रचार भी संभालना है। ऐसे में उनकी अपनी सीट पर असर नहीं पड़ना चाहिए। दूसरा तर्क यह भी कि फिलहाल रावत चुनाव लड़ाने पर पूरी ताकत लगाएंगे। बाद में जरूरत पड़ने पर वो अपने सीट भी खाली करा सकते हैं। बता दें कि रावत जी प्रदेश के सबसे सीनियर नेता है। उनके मुख्य प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उनको 10 से ज्यादा सीटों पर पार्टी नेताओं ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया है। रावत चुनाव लड़ेंगे और कहां से लड़ेंगे, यह पार्टी का रणनीतिक फैसला है। समय आने पर तस्वीर साफ हो जाएगी।