उत्तराखंड देहरादूनDelhi-Dehradun Expressway Now Travel in 2 and a Half Hour

खुशखबरी: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मिल गया ग्रीन सिग्नल, पूरा होगा ढाई घंटे में सफर का सपना

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से बढ़ेगी उत्तराखंड की रफ्तार, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इन शर्तों के साथ दे दी है मंजूरी..

Delhi-Dehradun Expressway: Delhi-Dehradun Expressway  Now Travel in 2 and a Half Hour
Image: Delhi-Dehradun Expressway Now Travel in 2 and a Half Hour (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून का सफर महज ढाई घंटे में पूरा होने का सपना आकार लेता दिख रहा है। देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनने का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो चुका है। देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनने के बीच में कुछ अड़चनें आ रही थीं जो कि अब हट चुकी हैं। भारतीय वन्यजीव बोर्ड के द्वारा इस परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी NGT ने भी मंजूरी दे दी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी NGT ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बूम देने वाले दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है। हालांकि एनजीटी ने कुछ शर्तों पर ही इसको मंजूरी दी है। शर्त यह है कि इस सड़क के निर्माण के दौरान पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी बाधित न हो। पिछले हफ्ते ही एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दे दी।दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मंजूरी देने के साथ ही NGT ने कुछ शर्तें भी रखी हैं।

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अधिकरण ने 12 सदस्यों की समिति बनाई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि इस हाईस्पीड रोड के निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा सही तरीके से डिस्पोज किया जाए और एक्सप्रेसवे की वजह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे या गणेशपुर-देहरादून सड़क (एनएच-72ए) पर वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी बाधित नहीं हो। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ.नागिन नंदा की पीठ ने इस एक्सप्रेसवे को मंजूरी देने से पहले महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की निगरानी का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI को सौंपा है। एनजीटी ने प्राधिकरण से कहा है कि एक्सप्रेसवे का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल हो और इससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इस निगरानी के लिए NGT ने 12 सदस्यों वाला एक्सपर्ट पैनल बनाया है। इसकी अध्यक्षता उत्तराखंड के मुख्य सचिव करेंगे। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने वाला यह एक्सप्रेसवे राज्य की आर्थिक रफ्तार को बढ़ाएगा, साथ ही दिल्ली से देहरादून तक की दूरी को महज 2.30 से 3 घंटे तक समेट देगा।

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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को उत्तराखंड में 18,000 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों की शुरुआत की थी। जिसमें दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी गई। देहरादून से दिल्ली कई घंटों का बोरिंग सफर अब इस एक्सप्रेस-वे के कारण मात्र ढाई घंटे का हो जाएगा और देहरादून से दिल्ली मात्र ढाई घंटे में ही पहुंचा जा सकेगा। यह एक्सप्रेसवे देहरादून से सहारनपुर शामली और बागपत होते हुए फिर दिल्ली से जुड़ेगा। देहरादून से दिल्ली तक के 180 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जाना है और 3 महीने के अंदर इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। 2023 जनवरी तक अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल बागपत बॉर्डर तक छह लेन का यह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएगा जिसके बाद देहरादून से दिल्ली की दूरी आधे से भी कम रह जाएगी और मात्र ढाई घंटे में दून से दिल्ली तक का सफर तय हो सकेगा। इस पूरे एक्सप्रेस-वे के निर्माण के पहले चरण में 1065 और दूसरे चरण के निर्माण में 1325 करोड़ रुपए खर्च होंगे।