देहरादून: राजनीति के खेल भी निराले हैं। कभी जिस हरक सिंह रावत की हनक से बीजेपी सहमी-सहमी रहती थी। उसी बीजेपी ने चुनाव से ऐन पहले हरक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बीजेपी ने मुंह फेर लिया है तो वहीं कांग्रेस अपनाने को तैयार नहीं। पिछले चार दिन हरक के लिए काले दिन की तरह बीते हैं। हरक को पूरी उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें दिल खोलकर अपनाएगी, लेकिन धोखा खाए हरीश रावत ने ऐसा होने नहीं दिया। कांग्रेस के भीतर टिकट के कई दावेदारों ने हरक के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, तो वहीं खबरें ये भी आ रही हैं कि कांग्रेस में एंट्री न होते देख हरक फिर से बीजेपी में आ रहे हैं। बीजेपी सूत्रों ने इस तरह की खबरों से इनकार भी नहीं किया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को हरक सिंह रावत ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी जैसे नेताओं से बातचीत भी की है। गौर करने वाली बात ये है कि बीजेपी ने आज 59 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है, लेकिन केदारनाथ सीट से प्रत्याशी तय नहीं हुआ है। ये वही सीट है, जिस पर हरक नजरें टिकाए हुए थे। अगर हरक बीजेपी में लौट आते हैं तो उनको केदारनाथ से टिकट दिया जा सकता है। कोटद्वार और डोईवाला की सीट पर भी प्रत्याशी फाइनल नहीं हुए हैं। वहीं बीजेपी में हरक की दोबारा एंट्री को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मामले में पार्टी फैसला ले चुकी है। मेरी इस मामले में किसी से कोई बात नहीं हुई है। हरक कभी मिलेंगे तो मेरी ओर से उन्हें पूरा सम्मान मिलेगा, लेकिन पार्टी को जो फैसला करना था, वो हो चुका है।