उत्तराखंड अल्मोड़ाKapkot Model Primary School Admission and Model of Education

पहाड़ के इस सरकारी स्कूल के आगे शहरों के कॉन्वेंट स्कूल भी फेल, हर परीक्षा में टॉप करते हैं छात्र

Kapkot Model Primary School में अपने बच्चे के Admission के लिए पैरेंट्स घंटों लाइन में खड़े रहते हैं..जानिए यहां का Model of Education

Kapkot Adarsh ​​Primary School: Kapkot Model Primary School Admission and Model of Education
Image: Kapkot Model Primary School Admission and Model of Education (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: पहाड़ के सरकारी स्कूलों के हाल किसी से छिपे नहीं हैं। बदहाली और शिक्षा के घटते स्तर के चलते लोगों का सरकारी स्कूलों से मोह भंग होता जा रहा है, तो वहीं बागेश्वर में एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है। जहां एडमिशन के लिए लंबी वेटिंग लाइन लगी होती है। पैरेंट्स सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक लाइन में खड़े रहते हैं, ताकि बच्चे का एडमिशन हो जाए। बच्चे को टेस्ट क्वालीफाई करना होता, तब कहीं जाकर इस सरकारी स्कूल में पढ़ने का मौका मिल पाता है।

Kapkot Model Primary School

यहां हम कपकोट आदर्श प्राथमिक विद्यालय की बात कर रहे हैं, जो कि गुणवत्तापरक शिक्षा के मामले में प्रदेश ही नहीं दिल्ली के शिक्षा मॉडल को भी चुनौती दे रहा है। स्कूल में पढ़ाई की इतनी बेहतरीन व्यवस्था है कि यहां से निकले बच्चे हर साल नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूलों के लिए चयनित होते हैं।

Kapkot Model Primary School Model of Education

स्कूल में तैनात शिक्षकों के साथ ही कई सरकारी अधिकारियों ने भी अपने बच्चों का एडमिशन इस स्कूल में कराया है। साल 2016 में इस स्कूल में सिर्फ 30 बच्चे पढ़ते थे। इसी साल ये स्कूल आदर्श विद्यालय चुना गया और ख्याली दत्त शर्मा ने प्रधानाध्यापक का पदभार संभाला। उन्होंने स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने पर फोकस किया। प्रिंसिपल ईमानदार थे तो शिक्षकों ने भी मेहनत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कभी 30 छात्र संख्या वाले इस स्कूल में आज 284 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं। इस स्कूल में बच्चों के एडमिशन के लिए पैरेंट्स को लंबा इंतजार करना पड़ता है। स्कूल में पैरेंट्स की कतार लगी रहती है। इस साल विद्यालय में 50 बच्चों के प्रवेश के लिए अभी तक 300 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। कपकोट आदर्श प्राथमिक विद्यालय के बच्चे पढ़ाई ही नहीं, सैनिक स्कूल घोड़ाखाल और नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में भी टॉप पर रहते हैं।