पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के बुरे दिन चल रहे हैं। पहले बीजेपी से निकाले गए। कांग्रेस में गए तो चुनाव नहीं लड़ सके। बहू को चुनाव लड़ाया, लेकिन वो भी हार गईं।
Demand for CBI inquiry on Harak Singh Rawat
अब हरक सिंह रावत के भ्रष्टाचार के मामले में फंसने के संकेत मिल रहे हैं। बीजेपी सरकार में 2017 से 2021 के बीच श्रम मंत्री रहे हरक सिंह रावत के खिलाफ लैंसडौन विधायक दिलीप सिंह रावत ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक लेटर भेजकर श्रम कल्याण योजनाओं में बड़ी गड़बड़ियां होने की बात कही है। रावत का आरोप है कि कुछ एनजीओ को करोड़ों की रकम नियम विरुद्ध दी गई। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। बता दें कि दिलीप सिंह रावत वही विधायक हैं, जिनके खिलाफ हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसांई ने लैंसडौन से चुनाव लड़ा था।
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चुनाव जीतने के बाद दिलीप रावत ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक का कहना है कि हरक सिंह ने जो मंत्रालय संभाला, वहां भ्रष्टाचार के संबंध में जनहित याचिकाएं तक कोर्ट में लगी हुई हैं, तो सच सबके सामने आना ही चाहिए। हरक सिंह रावत के खिलाफ इस तरह की मांग के चलते राज्य के सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पिछले दिनों दिलीप रावत को धामी सरकार में मंत्री पद दिए जाने की मांग भी उठी थी, लेकिन उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली। बताया जा रहा है कि अब दिलीप सिंह रावत अपनी ही सरकार पर कुछ दबाव बनाने की कोशिश कर सकते हैं। उधर, हरक सिंह रावत के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि वो पौड़ी या हरिद्वार किसी भी लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं, हालांकि उन्हें चुनाव लड़ना है या नहीं इसका फैसला पार्टी ही करेगी।