टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने में महज 1 दिन बचा है मगर सड़क निर्माण का काम अब भी खत्म नहीं हुआ है। तीन मई से यात्रा शुरू होने वाली है। लेकिन यात्रा रूट पर डेंजर जोन से श्रद्धालुओं को जान का खतरा होगा। ऑल वेदर रोड निर्माण में डेंजर जोन को अभी तक ठीक नहीं किया गया है। ऐसे में श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर चारधाम यात्रा करेंगे।
67 Danger Zone on All Weather Road
यह आश्चर्य की बात है कि चार धाम यात्रा के आगाज के लिए सिर्फ एक दिन ही बाकी बचा है, लेकिन ऑल वेदर रोड पर जगह-जगह बने डेंजर जोन का ट्रीटमेंट निर्माण एजेंसियां अबतक नहीं तलाश पाई हैं। इससे यात्रा जोखिम से भरी हो सकती है। चारधाम यात्रा मार्ग पर 67 डेंजर जोन चिन्हित हैं। इन डेंजर जोन में से कुछ में ही सुधार के काम हो पाए हैं। सरकार ने यात्रा से पहले डेंजर जोन ठीक करने का दावा किया था। ऋषिकेश बद्रीनाथ राजमार्ग के चौड़ीकरण होने के बाद कई स्थानों पर नए भूस्खलन जोन बन गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग श्रीनगर ने 26 क्षेत्र ऐसे चिन्हित किए हैं। अभी इनके ट्रीटमेंट के लिए से प्लान तैयार किया जा रहा है। 1 दिन के बाद यात्रा शुरू हो जाएगी। वादे के अनुसार यात्रा शुरू होने से पहले यह सभी कार्य पूरे होने थे।
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अब अगर यात्रा के दौरान कार्य होता भी है तो यात्रियों को असुविधा हो सकती है। विभाग को यात्रा से पहले काम करवाना चाहिए था। वहीं एचएच के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्रा ने बताया कि फरासू में भूस्खलन वाला क्षेत्र था, उसे ठीक कर दिया गया है.चमधार नया भूस्खलन क्षेत्र उभर रहा है, इसके ट्रीटमेंट के लिए भी योजना बनाई जाएगी। कोडियाल, तोता घाटी, मूल्यागांव, शिव मूर्ति, देवप्रयाग के पास, चमधार, जवाड़ी बाई पास आदि स्थानों पर भी ट्रीटमेंट किया जाना प्रस्तावित है। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के लिए अब सिर्फ छह दिन बचे हैं, लेकिन डेंजर जोन अभी तक दुरस्त नहीं हो पाए हैं। कर्णप्रयाग के पास सोनला के बीच के अभी काम ही चल रहा है, जबकि चाड़ा, बिरही और पीपल कोटी के बीच चाढ़ा नामक स्थान डेंजर बरकरार है। जोशीमठ से बद्रीनाथ की और पेका पुल से टय्या पुल तक लगभग 1.5 किमी सड़क पर लैंडस्लाइड से सड़क बंद होने का खतरा बना हुआ है। ऑलवेदर रोड बनाने के बाद कई जगहों पर पहाड़ी से बोल्डर गिरने का खतरा बना है, जो कि बरसात में यात्रा के दौरान जानलेवा साबित हो सकते हैं।