उत्तराखंड देहरादूनCongress leaders meeting at Harak Singh Rawat house

उत्तराखंड की राजनीति में बढ़ी हलचल, हरक सिह रावत के घर दिग्गज नेताओं की बैठक

कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बीच अचानक दिग्गज नेताओं की बैठक से ये तो साफ हो गया है कि उत्तराखंड कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है।

harak singh rawat : Congress leaders meeting at Harak Singh Rawat house
Image: Congress leaders meeting at Harak Singh Rawat house (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद पार्टी के भीतर घमासान मचा है।

Congress leaders meeting at Harak Singh Rawat house

कुछ महीने पहले संगठन में हुए बदलाव के दौरान भी कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग गुटों ने एक-दूसरे पर खूब कीचड़ उछाला था, इस्तीफे की धमकी भी दी थी। कई कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर पलायन कर गए, और ये सिलसिला अब तक जारी है। एक तरफ कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है तो वहीं बीते दिन कांग्रेस हरक सिंह रावत के घर उत्तराखंड कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की मीटिंग की खबर आई, जिसने पार्टी की टेंशन और बढ़ा दी है। बताया जाता है कि हरक सिंह रावत के डिफेंस कॉलोनी स्थित घर पर हुई बैठक में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, लालचंद शर्मा, विजयपाल सजवाण और राजकुमार पहुंचे थे। बैठक की खबर तो मिली है, लेकिन बैठक में क्या चर्चा हुई, ये पता नहीं चल सका।

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हालांकि कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बीच अचानक दिग्गज नेताओं की बैठक से ये तो साफ हो गया है कि उत्तराखंड कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है। इस्तीफों के दौर के बीच हरक सिंह रावत की सक्रियता ने कांग्रेस आलाकमान की टेंशन बढ़ा दी है। चुनाव नतीजे आने के बाद कई नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं। 11 जुलाई को भी कांग्रेस के दो नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। आपको बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नौ विधायक पार्टी छोड़कर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। तब भी हरक सिंह रावत सक्रिय थे और 2017 के चुनाव में शिकस्त के पीछे भी इसे बड़ा कारण माना जाता है। कांग्रेस को ये आस थी कि 2022 के चुनाव में पार्टी सत्ता वापसी में सफल रहेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और नतीजा ये निकला कि चुनावी शिकस्त के बाद से ही पार्टी में भगदड़ सी मची है। कई नेता पार्टी की नीतियों से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं।