देहरादून: सबसे पहले हम आपसे ये कहना चाहते हैं कि इस गीत का वीडियो हम आपको नहीं दिख सकते। तस्वीरों के माध्यम से इस गीत की फूहड़ता देख लीजिए।
संस्कृति, कल्चर, ट्रेडिशन बचाते बचाते हम 2022 में पहुंच चुके हैं। 20 साल हो गए हैं उत्तराखंड को अस्तित्व में आए। इतने सालों में हमने उत्तराखंड की संस्कृति को, उसके कल्चर को उसके गीतों के जरिए बचाने का खूब प्रयास किया। मगर संस्कृति बचाते बचाते हम यह कहां पहुंच गए हैं।
New Garhwali Item Song Thumka
गलती यह है कि सवाल तब नहीं किया, जब पहली बार किसी ने उत्तराखंड की संस्कृति पर कीचड़ उछाला। अब इस हद तक बात आगे बढ़ गई है कि गीत, कल्चर और संस्कृति के नाम पर भोजपुरी जैसे आईटम सांग्स यहां पेश किए जा रहे हैं। अब हम कह रहे हैं कि नहीं यह देवभूमि की संस्कृति नहीं है, यहां गन कल्चर, शराब कल्चर, फूहड़ता नहीं है, मगर देर हो चुकी है, क्योंकी यह ज़हर लोगों के दिलोदिमाग में भर चुका है, यहां के गानों में अश्लीलता और फूहड़ता भर चुकी है। हाल ही में यूट्यूब पर एक गाना रिलीज हुआ है, गाने में लायक बोलने जैसा कुछ है ही नहीं..इसलिए इसे नालायक कहना ही बेहतर है। इस गाने को किसी भी तरह से उत्तराखंड के कल्चर के तौर पर देखा नहीं जा सकता है। आगे देखिए तस्वीरें