उत्तराखंड उत्तरकाशीDeath of Savita Kanswal and Navami Rawat in Uttarkashi Avalaunch

नहीं रही गढ़वाल की दो हिम्मती बेटियां: हिमालय में बनाए थे रिकॉर्ड, हिमालय में ही ली आखिरी सांस

Uttarkashi Avalaunch उत्तरकाशी में हुए एवलांच हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल Savita Kanswal और पर्वतारोही नवमी रावत Navami Rawat की दर्दनाक मौत हो गई।

savita kanswal navami rawat uttarkashi : Death of Savita Kanswal and Navami Rawat in Uttarkashi Avalaunch
Image: Death of Savita Kanswal and Navami Rawat in Uttarkashi Avalaunch (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में हुए एवलांच हादसे में जिले ने अपनी दो होनहार पर्वतारोही बेटियों को हमेशा के लिए खो दिया।

Uttarkashi Avalaunch Death of Savita Kanswal and Navami Rawat

इस हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल और पर्वतारोही नवमी रावत की दर्दनाक मौत हो गई। 24 साल की सविता कंसवाल ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में कम वक्त में ही बड़ी उपलब्धियां हासिल की थीं। वो लोंथरू गांव की रहने वाली थीं, जबकि नवमी रावत का परिवार बुक्की गांव में रहता है। इन दोनों की मौत से पूरा उत्तरकाशी गहरे सदमे में है। सविता ने इसी साल मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वत का सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। गांव की इस बेटी का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी का सहारा थीं। वह घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थीं। बीते मंगलवार द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के दौरान सविता की एवलांच में दबने से मौत हो गई।

ये भी पढ़ें:

इसी तरह 24 साल की नवमी रावत भी बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं। पर्वतारोहण के क्षेत्र में नवमी ने भी अपनी पहचान बना ली थी, वह गंगाघाटी में एक अच्छे प्रशिक्षक के तौर पर जानी जाती थीं। उन्होंने निम से पर्वतारोहण के गुर सीखे। नवमी के पिता भी निम में ही काम करते हैं और उनके भाई जितेंद्र भी एक कुशल पर्वतारोही हैं। सविता और नवमी एक कुशल पर्वतारोही थीं, लिहाजा सब हैरान हैं कि इनके साथ ऐसा कैसे हो गया? सविता और नवमी भले ही इस दुनिया में नहीं रहीं, लेकिन लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। रोमांच और साहस की दुनिया में जब कभी भी पर्वतारोहण का जिक्र होगा, सविता कंसवाल और नवमी रावत का नाम जरूर लिया जायेगा। बता दें कि उत्तरकाशी के उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला पर्वतारोहियों का दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। इस हादसे में अब तक 10 पर्वतारोहियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई है।