अल्मोड़ा: चाहे जितना भी मानसिक तनाव हो, प्रकृति की गोद में आकर चित्तहमेशा शांत हो जाता है। हम भले ही प्रकृति से दूर रहें मगर जब भी हरियाली, पेड़ पौधों के आसपास होते हैं तो वह जुड़ाव सबको प्रतीत होता है। प्रकृति से ज्यादा हीलींग पावर किसी में नहीं है।
Ranikhet Kalika Healing Center almora
जो डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं उनको भी कुछ दिन प्रकृति की गोद में समय बिताने की हिदायत दी जाती है। रानीखेत के कालिका रेंज में एक ऐसा ही वन एवं प्राकृतिक उपचार केंद्र है जहां पर लोग आकर अपना मन शांत करते हैं और अवसाद को दूर करते हैं। डेढ़ वर्ष से ज्यादा की इस अवधि में 200 से ज्यादा सैलानी प्रकृति से जुड़ शारीरिक उपचार को यहां पहुंच चुके हैं। जी हां, कालिका वन रेंज में देश का पहला हीलिंग सेंटर यानि वन एवं प्राकृतिक उपचार केंद्र लोगों को खूब भाने लगा है। विभिन्न राज्यों से सैरसपाटे को यहां पहुंचने वाले प्रकृति प्रेमी सैलानी यहां पर मानसिक सुकून के लिए जैवविविधता से भरपूर जंगल में चीड़ के पेड़ों से लिपटे देखे जा सकते हैं।पर्यटक नगरी रानीखेत से लगभग छह किमी दूर कालिका में यही कोई 13 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हीलिंग सेंटर की चर्चा वैश्विक महासंकट कोरोना से जंग के बीच प्रकृति एवं जंगलात से जुड़ प्राकृतिक उपचार के जरिये प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के क्रेज के बाद तेज हुई है। यही वजह है कि रानीखेत में देश का पहला हीलिंग सेंटर स्थापित होने के बाद पर्यटकों का रुझान इस ओर तेजी से बढ़ रहा है।