देहरादून: फॉरेस्ट गार्ड भर्ती 2020 की मैरिट में शामिल अंतिम नौ युवाओं के दस्तावेज सत्यापन पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने रोक लगा दी है।
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आयोग ने मंगलवार 15 नवंबर को इन युवाओं को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया था, लेकिन बेरोजगारों की आपत्ति के बाद आयोग ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी। चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि आयोग इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने जा रहा है, तब तक दस्तावेज सत्यापन पर रोक लगाई गई है।दरअसल बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आयोग के सचिव को ज्ञापन सौंपकर दस्तावेज सत्यापन पर रोक लगाने की मांग की और ज्ञापन के साथ एसआईटी रिपोर्ट भी सौंपी है।
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पंवार ने कहा कि जांच रिपोर्ट में ब्ल्यू टूथ से नकल करने का स्पष्ट उल्लेख है। दरअसल पुलिस ने नकल के लिए 47 युवाओं को आरोपी बनाया था । इसमें से 9 अभ्यर्थी शारीरिक परीक्षा के बाद अंतिम मेरिट लिस्ट में शामिल होने में कामयाब रहे थे। आरोपी अभ्यर्थियों के अलावा शेष को नियुक्ति दे दी गई थी। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने उक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति से पहले दस्तावेजों के सत्यापन की औपचारिकता पूरी करने के लिए बुला लिया था मगर अब दस्तावेज सत्यापन पर रोक लगाई गई है। आयोग इस माह के अंत तक वन विभाग को उन्हें नियुक्ति देने की सिफारिश कर देगा।