उत्तराखंड देहरादूनTrivendra Singh Rawat Tirath Singh Rawat statement

उत्तराखंड BJP में अंदरद्वंद! दो बयानों से गरमाई राजनीति..केन्द्रीय नेतृत्व तक पहुंची बात

पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व त्रिवेंद्र रावत आए दिन भाजपा के खिलाफ बयान दे रहे हैं। उनके हाल में आए बयानों से उत्तराखंड भाजपा ज़रा असहज हो गई है।

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Image: Trivendra Singh Rawat Tirath Singh Rawat statement (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व त्रिवेंद्र रावत आए दिन भाजपा के खिलाफ बयान दे रहे हैं।

Trivendra Singh Rawat Tirath Singh Rawat statement

उनके हाल में आए बयानों से उत्तराखंड भाजपा ज़रा असहज हो गई है। बात यहां तक पहुंच गई है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट दोनों नेताओं के बयानों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से मिले। उनका कहना है कि अगर किसी मामले में दोनों नेताओं को आपत्ति है तो वह पार्टी फोरम में अपनी बात को रखें न कि सार्वजनिक मंच पर रख कर पार्टी की छवि को धूमिल करें। दरअसल पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है। उन्होंने कहा था कि यूपी में जो कमीशनखोरी की प्रथा प्रचलित थी वह उत्तराखंड में भी जारी है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल को वर्तमान से कंपेयर करते हुए कहा था कि स्मार्ट सिटी उनके कार्यकाल में देश में 9वें स्थान पर था लेकिन आज जो हो रहा है उससे सरकार की छवि खराब हो रही है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए खूब बातें कीं। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल स्मार्ट सिटी में कुछ गड़बड़ लगती है।

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दोनों नेताओं के बयानों को लेकर विपक्ष भी सरकार पर निशाना साध रहा है। इसपर विपक्ष कांग्रेस व अन्य दलों के नेताओं ने भी खूब आरोप लगा दिए। कमीशनखोरी वाले बयान के बहाने उन्होंने कई आरोप जड़े। इससे भाजपा सरकार को असहज होना पड़ा। चूंकि पार्टी के दिग्गज नेताओं के बयान थे इसलिए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दिल्ली का रुख करना पड़ा। उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम से भेंट की। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई है कि वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों के बजाए पार्टी फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए ताकि पार्टी की इज़्ज़त बची रहे और विपक्ष पार्टी की एकता पर सवाल न खड़ा कर सके।