उत्तराखंड चमोलीjoshimath sinking landslide temple broken

Joshimath sinking: धाराशाई हुआ मंदिर, मकान के ऊपर गिरा..दहशत में लोग

Joshimath sinking latest update: डरे हुए लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। कड़ाके की ठंड में नगर पालिका भवन, गुरुद्वारे और स्कूल में शरण लिए हुए हैं।

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Image: joshimath sinking landslide temple broken (Source: Social Media)

चमोली: पौराणिक शहर जोशीमठ आपदा के मुहाने पर खड़ा है। यहां जमीन और मकानों पर पड़ी दरारें, बड़ी अनहोनी का संकेत दे रही हैं।

Joshimath sinking landslide temple broken

फिलहाल तो सिर्फ दरारें दिख रही हैं, अगर इनमें बारिश का पानी भरा तो शहर तबाही की भेंट चढ़ जाएगा। यहां कई घर टूट गए हैं, कई ढहने की कगार पर खड़े हैं। शहर में एक मंदिर भी ढह गया, जिससे लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं। डरे हुए लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। कड़ाके की ठंड में नगर पालिका भवन, गुरुद्वारे और स्कूल में शरण लिए हुए हैं। शहर के लोगों को लगातार दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। शहर में सुनील वार्ड, मनोहर बाग वार्ड और गांधी वार्ड में कई मकानों में दरारें दिख रही हैं। साथ ही मारवाड़ी स्थित जेपी कंपनी की आवासीय कॉलोनी भी खतरे की जद में आ चुकी है। जेपी कंपनी की दीवार से पानी रिस रहा है। यहां जरा सी भी बारिश हुई तो स्थिति और बिगड़ सकती है, हर जगह तबाही मच सकती है। इस बीच ज्योतिर्मठ की दीवारों पर भी दरारें आ गई हैं।

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Joshimath sinking latest update

वहीं प्रशासन की ओर से सभी वार्डों का निरीक्षण किया गया। प्रदेश बीजेपी की ओर से गठित टीम ने इलाकों का जायजा लिया। जोशीमठ के मौजूदा हालात की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक ली। जिसमें आपदा प्रबंधन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से क्षेत्र में पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए गए, ताकि शहर के लोगों को वहां शिफ्ट किया जा सके। स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर समेत अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। अनहोनी की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने एनटीपीसी की परियोजना और मारवाड़ी हेलंग बाइपास निर्माण समेत शहर में चल रहे सभी निर्माण कार्यों को अगले आदेश तक बंद रखने को कहा है। विशेषज्ञों की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं। क्षेत्र में लगातार पानी रिस रहा है, लेकिन यहां रिसने वाले पानी और जमीन में पड़ी दरारों की वजह अब तक पता नहीं चल सकी है।