उत्तराखंड चमोलीJoshimath Sinking and NTPC Tunnel

NTPC GO BACK..जोशीमठ से बहुत बड़ा खिलवाड़ हो गया?

एनटीपीसी की टनल बनी शहर की बर्बादी, स्थानीय लोगों ने एनटीपीसी गो बैक के लगाए नारे..पढ़िए पूरी खबर

Joshimath sinking latest update: Joshimath Sinking and NTPC Tunnel
Image: Joshimath Sinking and NTPC Tunnel (Source: Social Media)

चमोली: "इकोलॉजी इज़ परमानेंट इकोनॉमी" यह कोट जोशीमठ के ऊपर फिट बैठता है। जब इकोलॉजी ही नहीं होगी तो इकोनॉमी का क्या काम होगा।जोशीमठ बर्बाद हो रहा है।

Joshimath Sinking and NTPC Tunnel

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जोशीमठ की हालत का जिम्मेदार कौन है। जोशीमठ की वर्तमान स्थिति को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। इसरो के सैटेलाइट तस्वीरों से पता लगा है कि पिछले 12 दिनों में जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर तक धंस चुका है, हालांकि अब इसरो की वो रिपोर्ट रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई है । वहीं, स्थानीय लोगों का दावा है कि जोशीमठ की ताजा स्थिति के पीछे एनटीपीसी के टनल को जिम्मेदार बताया था। लोगों की आशंकाओं पर सीनियर पर्यावरण विशेषज्ञ रवि चोपड़ा भी सहमत दिख रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने जोशीमठ का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि जोशीमठ में आज जो कुछ हम देख रहे हैं, वह एनटीपीसी की ओर से किए गए टनल के निर्माण का परिणाम हैं। हालांकि एनटीपीसी का कहना है कि ऐसा बुल्कुल भी नहीं है। आगे पढ़िए

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जोशीमठ में हो रहे लगातार भू धंसाव से जोशीमठ का अस्तित्व लगातार खतरे में हैं और जोशीमठ के स्थानीय लोग इसका जिम्मेदार एनटीपीसी को मान रहे हैं। वहीं स्थानीय लोग नम आंखों के साथ अपने घर छोड़कर जाने पर मजबूर हैं। लोग सालों से जिन घरों में, जगहों पर रह रहे हैं, वे जमीन धंस रही है। शायद ही उनका दुःख कोई समझ पाए। जोशीमठ के स्थानीय लोगों ने भी एनटीपीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्थानीय लोगों ने अपने आवासीय मकान सहित दुकानों में गाड़ियों में एनटीपीसी के खिलाफ एनटीपीसी गो बैक के पोस्टर लगाकर विरोध करना शुरू कर दिया है। बता दें कि स्थानीय लोगों ने पहले भी एनटीपीसी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया है और सड़कों पर उतरे हैं। वहीं अब लोग अपने आवासीय मकान , दुकानों एवं वाहनों में एनटीपीसी गो बैक पोस्टर लगा कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जोशीमठ को लेकर इसरो की ओर से जारी की गई तस्वीरों में बड़े खतरे का अंदेशा दिख रहा है। जोशीमठ में 12 दिन में 5.4 सेंटीमीटर की लैडस्लाइड का मामला सामने आया है जो कि चिंताजनक है।