उत्तराखंड चमोलीJoshimath Sinking Story of Suraj Kapruwan

Joshimath Sinking: 35 लाख लगाकर खड़ा किया बिजनेस, शुरू होने से पहले ही हुआ ठप..अब क्या करेगा सूरज?

Joshimath Sinking 35 लाख रुपए लगाकर जोशीमठ के सूरज ने शुरू किया था स्टार्टअप, शुरू होने से पहले ही ठप हुआ

joshimath suraj karuwan: Joshimath Sinking Story of Suraj Kapruwan
Image: Joshimath Sinking Story of Suraj Kapruwan (Source: Social Media)

चमोली: जोशीमठ में समय हालात बेहद बुरे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को हो रहा है जिनके जोशीमठ में बड़े स्तर पर व्यवसाय चल रहे थे। उनमें से एक नाम है सूरज कपरवाण का भी है।

Joshimath Sinking Story of Suraj Kapruwan

सूरज ने 35 लाख रुपए लगाकर जोशीमठ में अपना स्टार्टअप शुरू किया था। उन्होंने रिवर्स पलायन कर जोशीमठ में खुद का कुछ करने की ठानी थी। सूरज जोशीमठ के ही रहने वाले हैं। वे कॉलेज में पढ़ने के लिए बाहर चले गए थे और दिल्ली और देहरादून में नौकरी की बजाय उन्होंने पहाड़ पर काम करने का निर्णय लिया और वापस अपने घर लौट गए और वहां पर होटल शुरू किया। इसके बाद उन्होंने सोचा कि कुछ नया काम शुरू करते हैं और लोगों को रोजगार देते हैं। ऐसे में उन्होंने जोशीमठ में ही एक और स्टार्टअप शुरू किया। इसके लिए उन्होंने 35 लाख रुपए जितनी बड़ी रकम भी लगाई। मगर अब जोशीमठ में दरारें आने के बाद उनका प्लान धरा का धरा रह गया। सूरज ने जोशीमठ में होटल के फैले हुए व्यवसाय को देखते हुए लॉन्ड्री का स्टार्टअप शुरू किया था। और उनका काम शुरू होने से पहले ही पूरा सेटअप उजड़ने की कगार पर पहुंच गया है। सूरज ने बताया कि जोशीमठ में काफी ज्यादा होटल हैं और उनका भी एक होटल है। होटलों में धुलाई के लिए चादर, तकिया कवर समेत बड़ी मात्रा में कपड़े होते हैं और बरसात और सर्दियों में कपड़े सुखाने की भारी समस्या रहती है। इसी को देखते हुए उन्होंने आधुनिक सिस्टम लगाने के लिए जोशीमठ में स्टार्टअप शुरू किया था। उन्होंने बेंगलुरु से लॉन्ड्री के लिए बड़े सेटअप में लगने वाली आईएफबी की मशीनें मंगाई थीं जिनकी कीमत 20 लाख रुपए थी। आगे पढ़िए

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उन्होंने अब तक इस स्टार्टअप में 35 लाख रुपए लगा दिए हैं। नवंबर में उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया था और मशीनों का ट्रायल चल रहा था। उनके अंडर कई लड़के काम कर रहे थे और सीख रहे थे। इसी बीच भवन के नीचे गहरी दरारें आ गईं और आनन-फानन में उन्होंने 70 हज़ार और खर्च कर पीछे एक अस्थाई टिन शेड बनाया जहां पर उठाकर मशीनों को रखवाया गया है और फिलहाल मशीनों से कोई भी काम नहीं हो पा रहा है। सूरज ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी जमा पूंजी स्टार्टअप में लगा दी और लोन भी लिया। बिजली का ट्रांसफार्मर लगाने के लिए साढ़े 3 लाख रुपए सरकार को दिए गए और अब उनका स्टार्टअप शुरू होने से पहले ही ठप हो गया है जिस वजह से सूरज इस दुविधा में हैं कि आखिर इस नुकसान की रिकवरी कैसे हो पाएगी। केवल सूरज नहीं हजारों व्यवसाई ऐसे हैं जिनका जोशीमठ (Joshimath Sinking) में कारोबार है और अब उनका कारोबार पूरी तरह से बंद पड़ा है और वे अपना घर और अपना काम छोड़ने पर मजबूर हैं।