उत्तराखंड चमोलीNew Joshimath City will be built in peepalkoti

गढ़वाल में यहां बनेगा ‘New Joshimath’, फाइनल हुई जमीन..सबसे पहले 125 परिवारों को बसाया जाएगा

New Joshimath के लिए जमीन के चयन का काम पूरा हो गया, अब सीबीआरआई की ओर से भूमि का विकास और भवनों के लेआउट बनाने का काम किया जाएगा।

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Image: New Joshimath City will be built in peepalkoti (Source: Social Media)

चमोली: राज्य सरकार की ओर से जोशीमठ आपदा प्रभावितों को पुनर्वासित करने की कोशिशें जारी हैं।

New Joshimath City to built in Pipalkoti

आपदा प्रभावितों की समस्या का स्थाई समाधान हो सके, इसके लिए उन्हें पुनर्वासित करने के लिए जमीन तलाशने का काम पूरा कर लिया गया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार चमोली जिला प्रशासन ने जीएसआई की ओर से किए गए भूमि सर्वेक्षण के बाद पीपलकोटी को New Joshimath के लिए स्थाई विस्थापन के लिए चुना है। इस तरह आपदा प्रभावित परिवारों को पीपलकोटी में बसाया जाएगा। यहां स्थाई विस्थापन के लिए 2 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। जमीन के चयन का काम पूरा हो गया, अब सीबीआरआई की ओर से भूमि का विकास और भवनों के लेआउट बनाने का काम किया जाएगा। राज्य सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विस्थापन के लिए पीपलकोटी में जमीन का चुनाव किया गया है, जो कि जोशीमठ शहर से करीब 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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यहां करीब 2 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 125 से 130 परिवारों को बसाया जाएगा। प्रभावित परिवारों को यहां पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे, जो लोग मुआवजा लेकर खुद अपना घर बनवाना चाहेंगे, उनको भी विकल्प दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जीएसआई ने अपनी रिपोर्ट में इस भूमि को स्थाई विस्थापन के लिए उपयुक्त पाया है। आगे अब सीबीआरआई की ओर से भूमि विकास और लेआउट का काम किया जाएगा। क्षेत्र के ज्यादातर लोग स्थाई विस्थापन के पक्ष में हैं। पीपलकोटी की भूमि लोगों को पसंद भी आई है। पीपलकोटी के अलावा भी तीन अन्य स्थानों पर स्थाई विस्थापन के लिए भूमि चयनित की गई है। इनमें कोटी फार्म एचआरडीआई की भूमि और ढाक गांव में स्थित भूमि शामिल है। कोटी फार्म के सामने स्थित उद्यान विभाग की भूमि पर पहले चरण में प्री-फेब्रिकेटेड डेमोंसट्रेशन भवन बनाए जाएंगे। इसके अलावा भी अन्य स्थानों पर भूमि की संभावनों को तलाशा जा रहा है।