उत्तराखंड चमोलीJoshimath Sinking Mysterious Water Fall

जोशीमठ के लिए अबूझ पहली बना पानी का झरना, अब तक ढाई करोड़ लीटर पानी का रिसाव

joshimath sinking latest update जोशीमठ में अबूझ पहेली बना पानी का ये झरना, अब तक 2.21 करोड़ लीटर पानी का हुआ रिसाव

joshimath sinking latest update: Joshimath Sinking Mysterious Water Fall
Image: Joshimath Sinking Mysterious Water Fall (Source: Social Media)

चमोली: जोशीमठ शहर धीमी मौत मर रहा है। यहां मकानों में दरारें कई महीने से नजर आ रही थीं, लेकिन दो जनवरी की रात जेपी कंपनी की कॉलोनी के पिछले हिस्से में पहाड़ी से अचानक पानी का झरना फूट पड़ा।

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इस झरने को ही जोशीमठ की तबाही की वजह बताया जा रहा है। हैरानी इस बात की है कि ये पानी आ कहां से रहा है और इसका स्त्रोत क्या है, ये अब तक पता नहीं चल सका है। प्रशासनिक अधिकारी और तकनीकी संस्थानों के लिए यह पानी अब भी अबूझ पहेली बना है। एनआईएच की ओर से भी पानी के नमूने लिए जा चुके हैं, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। बीते 23 दिनों में जमीन के भीतर से लगभग 2 करोड़ 21 लाख 40 हजार लीटर पानी का रिसाव हो चुका है। पानी की यह मात्रा किसी बड़ी झील के बराबर है। वैज्ञानिक संस्थाएं भी पानी के स्रोत को ढूंढने के साथ ही इसके रिसाव के कारणों को जानने में जुटी हैं।

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पानी के रिसाव की स्थिति के बारे में बात करें तो 3 जनवरी को 550 एलपीएम, 4 जनवरी को 550, 5 जनवरी को 550, 6 जनवरी को 540, 7 को 500, 8 को 400, 9 को 300, 10 को 250, 11 को 245, 12 को 200, 13 को 177, 14 को 240, 15 को 240, 16 को 163, 17 को 150, 18 को 123, 19 को 100, 20 को 150, 21 को 250, 22 को 136, 23 को 136, 24 को 180 और 25 जनवरी को 182 एलपीएम पानी का रिसाव हुआ। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि एनजीआरआई ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। आशंका जताई जा रही है कि ऊपरी क्षेत्र का पानी ही जेपी कॉलोनी में बाहर आ रहा है। यह सिर्फ शुरुआती आंकलन है, फिलहाल फाइनल रिपोर्ट आने का इंतजार है। उसके बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।