उत्तराखंड देहरादूनdehradun property mutation new rate

देहरादून में 24 साल बाद दाखिल-खारिज की फीस में बढ़ोतरी, 2 मिनट में पढ़ लीजिए नई रेट लिस्ट

dehradun property mutation new rate साल 1994 से दाखिल खारिज के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जा रहा था, जिससे नगर निगम को नुकसान हो रहा था।

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Image: dehradun property mutation new rate (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून में आशियाना बनाना है तो जेब ढीली करने के लिए तैयार रहें। नगर निगम ने दाखिल खारिज शुल्क बढ़ा दिया है। 24 साल के अंतराल के बाद नगर निगम ने दाखिल खारिज के शुल्क में बढ़ोतरी की है।

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साल 1994 से दाखिल खारिज के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जा रहा था, जिससे नगर निगम को नुकसान हो रहा था। खर्चा ज्यादा था और आमदनी कम। इसलिए पिछली बोर्ड बैठक में दाखिल खारिज के शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है। अब विरासत, उत्तराधिकार, वसीयत, बंटवारा आदि के नामांतरण शुल्क के तौर पर 150 रुपये के बजाय दो हजार रुपये देने होंगे। आवासीय और गैर आवासीय श्रेणी की संपत्तियों के लिए दाखिल खारिज शुल्क स्टांप शुल्क के आधार पर दो हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक निर्धारित किया गया है।

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आवासीय संपत्ति
सात लाख रुपये मूल्य के पंजीकृत विलेख मूल्य पर : 2000
सात लाख रुपये से 15 लाख मूल्य के पंजीकृत विलेख पर : 4600
15 लाख से 50 लाख मूल्य के पंजीकृत विलेख पर : 6000 रुपये
50 लाख से एक करोड़ रुपये के पंजीकृत विलेख पर : 20,000
एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के पंजीकृत विलेख पर : 30,000 आगे पढ़िए

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गैर आवासीय, व्यवसायिक, गैर आवासीय संपत्ति
20 लाख मूल्य के पंजीकृत विलेख पर : 8000
20 लाख से 40 लाख मूल्य के पंजीकृत विलेख पर : 15,000
40 लाख से 80 लाख मूल्य के पंजीकृत विलेख पर : 25,000
80 लाख अधिक मूल्य से अधिक मूल्य के पंजीकृत विलेख पर : 50,000
बता दें कि कुछ पार्षद दाखिल खारिज का शुल्क बढ़ाए जाने के विरोध में थे, लेकिन ज्यादातर पार्षदों ने इसका समर्थन किया। जिसके बाद मेयर ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बैठक में दूसरे कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली। शंकरपुर में बायो गैस प्लांट के साथ ही खाली पड़ी भूमि का प्रयोग करने, सहस्रधारा रोड पर फ्यूल गैस प्लांट के लिए निगम की भूमि को आईओसी को देने, डांडा धोरणखास की भूमि को उच्च शिक्षा निदेशालय और रूसा के कार्यालय के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये में दिए जाने समेत कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। नदियों और नालों के किनारे जाल लगाए जाएंगे, ताकि लोग यहां कूड़ा न डाल सकें। गांधी पार्क में अब भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी लगेगी। लद्दाख के सांसद जमयांग तसरिंग नमग्याल ने यह प्रस्ताव नगर निगम को भेजा था। शंकरपुर स्थित गोसदन में खाली चार एकड़ भूमि पर नगर निगम गोबर और गीले कूड़े के निस्तारण के लिए बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में बेहतर रैंकिंग हासिल करने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार आदि कार्यक्रमों के लिए दो करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।