उत्तराखंड चमोलीjoshimath sinking 3 feet pit on highway

जोशीमठ से सामने आई डराने वाली तस्वीरें, बदरीनाथ हाईवे पर बना 3 फीट गहरा गढ्डा

Joshimath sinking latest update जोशीमठ में विस्थापित कर दिए गए लोगों में व्यवस्थाओं को लेकर रोष है।

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Image: joshimath sinking 3 feet pit on highway (Source: Social Media)

चमोली: जोशीमठ से हर दिन चिंता बढ़ाने वाली खबरें आ रही हैं। आवासीय क्षेत्रों के साथ ही राजकीय महाविद्यालय, जोशीमठ के भवन पर भी भूधंसाव का खतरा मंडरा रहा है।

Joshimath sinking latest update

भवन में दरारें बढ़ रही हैं। हालात ये हैं कि कक्षाएं टीनशेड में चलानी पड़ रही हैं, लेकिन वो भी जर्जर हालत में है। स्थानीय लोग विस्थापित कर दिए गए हैं, और व्यवस्थाओं को लेकर उनमें रोष बना हुआ है। शुक्रवार को प्रशासन के दो वाहन सिंहधार में आपदा प्रभावितों को राहत सामग्री बांटने पहुंचे तो महिलाओं ने सरकारी कर्मचारियों को रोक दिया और उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई। महिलाओं ने कहा कि हमें राहत सामग्री नहीं, बल्कि विस्थापन चाहिए। आक्रोश देखकर कर्मचारी राहत सामग्री बांटे बगैर ही वापस लौट गए। इंटरनेट पर घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। महिलाओं ने बताया कि सिंहधार वार्ड में भूधंसाव तेज हो गया है। वार्ड को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने वाले मार्ग पर कई जगह टाइलें उखड़ गई हैं, लेकिन प्रशासन उनकी सुन नहीं रहा।

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Joshimath sinking 3 feet pit in badrinath highway

प्रभावितों ने सरकार पर मुआवजे व विस्थापन में देरी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार प्रभावितों की मदद के लिए गंभीर नहीं है। जोशीमठ के कॉलेज भवन को भी असुरक्षित भवनों की कैटेगरी में रखा गया है। यहां प्रशासनिक भवन के अलावा विज्ञान और कला संकाय के भवनों में भी दरार आई है। लगातार हो रहे भूस्खलन से सुरक्षा दीवार भी ढहने के कगार पर पहुंच गई है। महाविद्यालय क्योंकि ढलान पर बसा है, ऐसे में जमीन धंसी तो बड़ा हादसा हो सकता है। बदरीनाथ हाईवे पर भी लगातार भूधंसाव हो रहा है। शुक्रवार दोपहर को बदरीनाथ हाईवे पर मारवाड़ी तिराहे के पास गड्ढा बन गया। यह गड्ढा लगभग तीन फीट गहरा है। क्षेत्र में गड्ढा बनने से आस-पास के व्यापारी डरे हुए हैं। सीवर का पानी भी गड्ढे से होकर बह रहा है। उधर, जोशीमठ बचाओ समिति का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। प्रभावितों ने सीएम को ज्ञापन भेजकर एनटीपीसी के साथ वर्ष 2010 में हुए समझौते को लागू करने की मांग करते हुए हेलंग बाईपास और तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना बंद करने की मांग की।