उत्तराखंड चमोलीJoshimath Sinking Water stream burst near Narasimha temple

अब जोशीमठ में नृसिंह मंदिर मार्ग पर फूटी जलधारा, स्थानीय लोगों में दहशत

joshimath syncing latest update जोशीमठ में शिलाएं आबादी की ओर खिसक रही हैं, जगह-जगह नए गड्ढे बन गए हैं। अब नृसिंह मंदिर मार्ग पर नया पानी का स्रोत फूट पड़ा है।

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Image: Joshimath Sinking Water stream burst near Narasimha temple (Source: Social Media)

चमोली: भूधंसाव से जूझ रहे जोशीमठ में 868 भवनों को असुरक्षित घोषित किया गया है।

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पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कगार पर पहुंच चुके घरों में रहने वाले लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है, पर खतरा बरकरार है। यहां भूधंसाव का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। शिलाएं आबादी की ओर खिसक रही हैं, जगह-जगह नए गड्ढे बन गए हैं। वहीं अब नृसिंह मंदिर मार्ग पर नया पानी का स्रोत फूट पड़ा है। बताया जा रहा है कि यहां लगातार पानी बह रहा है, जिससे आस-पास रहने वाले लोग दहशत में हैं। जोशीमठ में भूधंसाव और भवनों में दरारें पड़ने के कारणों की जांच में जुटे आठ वैज्ञानिक संस्थान अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पिछले माह के आखिर में एनडीएमए को सौंप चुके हैं। उधर, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का इंतजार है।

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Water stream burst near Narasimha temple

मंत्रालय से अनुमोदन के बाद एनडीएमए इसे राज्य सरकार को भेजेगा। इसी के आधार पर जोशीमठ शहर का सुरक्षित व असुरक्षित श्रेणी में वर्गीकरण, प्रभावित क्षेत्र का उपचार और प्रभावितों के पुनर्वास जैसे विषयों पर सरकार तेजी से काम आगे बढ़ाएगी। सूत्रों के अनुसार एनडीएमए की रिपोर्ट में जोशीमठ में आपदा के दृष्टिगत तात्कालिक, मध्यावधि और दीर्घकालीन उपायों को लेकर सुझाव दिए गए हैं। बदरीनाथ यात्रा प्रारंभ होने से पहले व्यवस्था दुरुस्त करने और वहां हाईवे की निगरानी को तंत्र विकसित करने का सुझाव भी दिया गया है। एनडीएमए से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे जोशीमठ को बचाने की दिशा और दशा तय होगी। बता दें कि जोशीमठ में दरारों के कारण 868 भवनों को असुरक्षित घोषित किया गया है। इनमें से 181 भवन खतरनाक श्रेणी में हैं। नगर के गांधीनगर वार्ड में दरारों के कारण 156 भवन रहने लायक नहीं हैं।