देहरादून: क्या आप भी विदेश में नौकरी पाने का अपना सपना पूरा करना चाहते हैं।
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अगर इस सवाल का जवाब हां है, तो सरकार आपके इस सपने को सच करने में मदद करेगी। नर्सिंग और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में लगभग 10 हजार युवाओं के हुनर को निखारा जाएगा। जिसके बाद उन्हें जापान और जर्मनी में रोजगार के मौके दिलाए जाएंगे। चयनित अभ्यर्थियों के टिकट, वीजा और प्रशिक्षण में सरकार सहायता करेगी। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को स्वीकृति दी। इसके तहत जो भी कंपनियां चयनित की जाएगी, वो प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में से 85 प्रतिशत को अनिवार्य रूप से रोजगार देंगी। प्रशिक्षण से लेकर वीजा आदि पर लगभग 1.70 लाख तक खर्च आएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम की फीस का निर्धारण इस प्रकार किया जाएगा कि अभ्यर्थी को सेवायोजित होने से पहले कुछ प्रतिशत की धनराशि देनी पड़े।
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नियुक्ति पत्र मिलने के बाद शेष राशि का भुगतान किया जा सकेगा। प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च का 20 प्रतिशत सरकार उठाएगी। ऋण लेने पर देय ब्याज का 75 प्रतिशत सरकार वहन करेगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने बताया कि विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं से संबंधित डाटाबेस तैयार करने के लिए अपणि सरकार पोर्टल पर एप्लीकेशन विकसित की जा चुकी है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं से एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट के माध्यम से प्रस्ताव अमंत्रित किए जा रहे हैं। कई संस्थाओं के प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हो चुके हैं। मंत्रिमंडल में यह भी तय किया गया कि जमीन खरीदने से पहले व्यक्ति की पृष्ठभूमि देखी जाएगी। मुख्यमंत्री की पहल पर आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को भूमि खरीदने से रोकने के लिए अति शीघ्र अध्यादेश लाया जाएगा। सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले पर सहमति बनी है।