उत्तराखंड चम्पावतUttarakhand Champawat youth earning money from honey production

उत्तराखंड: शहद उत्पादन से किस्मत संवार रहे हैं इस जिले के युवा, दिल्ली-मुंबई तक है डिमांड

शहद उत्पादन में चंपावत बनेगा नंबर 1, युवाओं को शहद उत्पादन से मिलेगा रोजगार, युवाओं को करेंगे प्रशिक्षित; सीएम धामी के निर्देश पर शुरू की गई पहल

Uttarakhand Honey Production: Uttarakhand Champawat youth earning money from honey production
Image: Uttarakhand Champawat youth earning money from honey production (Source: Social Media)

चम्पावत: बेरोजगारी की समस्या को हर व्यक्ति अच्छे से जानता है। आज के समय व्यक्ति इतना पढ़ा लिखा है बावजूद इसके वह बेरोजगार बैठा है।

Champawat youth earning money from honey production

जनसंख्या इतनी बढ़ चुकी है, कि हर किसी को रोजगार मिलना लगभग नामुमकिन सा हो गया है। ऐसे में बात आती है स्वरोजगार की, जो कि पहाड़ के युवाओं को खूब लुभा रहा है।। सरकार भी युवाओं की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है। स्वरोजगार के बढ़ते क्रेज के बीच सीएम धामी ने एक शानदार पहल की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चंपावत जिले को शहद उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी जिला बनाए जाने के लिए प्रशासन स्तर से भी प्रयास शुरू हो गए हैं। उद्यान विभाग द्वारा काश्तकारों को मौन पालन का प्रशिक्षण देने के अलावा उनके द्वारा उत्पादित शहद को बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है।डीएम के निर्देश पर उद्यान विभाग को खनिज न्यास निधि से पहली किस्त के रूप में 23.1768 लाख की धनराशि प्रदान की गई है। इस धनराशि का उपयोग युवाओं को प्रशिक्षण देने में किया जाएगा।

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Uttarakhand Honey Production

दरअसल चंपावत में मौनपालन की संभावनाएं काफी अधिक हैं। वर्तमान में सूखीढांग क्षेत्र के कई गांवों के अलावा लधियाघाटी, पंचेश्वर और रामेश्वर जैसे घाटी क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर शहद उत्पादन हो रहा है। मौन पालन की भारी संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने प्रशासन को शहद उत्पादन के क्षेत्र में चंपावत जिले को राज्य का अग्रणी जिला बनाने के निर्देश दिए हैं। जिला उद्यान अधिकारी टीएन पांडेय ने बताया कि जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में काश्तकारों खासकर युवाओं को मौन पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बताया कि वर्तमान समय में सूखीढांग क्षेत्र में शहद उत्पादन के क्षेत्र में अच्छा काम हो रहा है। यहां के कई निवासी व्हाइट हनी, मल्टी प्लोरा, कडु़वा शहद, क्रीम हनी और छत्ता शहद का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं। सूखीढांग में उत्पाादित हो रहा शहद पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, देहरादून के अलावा दिल्ली और मुंबई तक सप्लाई किया जा रहा है। सीएम धामी के आदेश पर इच्छुक युवाओं को मौन पालन का प्रशिक्षण चंपावत, लोहाघाट, बाराकोट एवं पूर्णागिरि तहसीलों में दिया जाएगा। जिसके बाद यह युवा स्वरोजगार कर अपना बिजनेस शुरू कर सकेंगे।