रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में जबरदस्त बरसात के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है। भारी बरसात के कारण यहां पर आपदा जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं।
Madmaheshwar rescue operation update
हाल ही में मद्यमहेश्वर को जोड़ने वाली रांसी गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर बना पुल ध्वस्त हो गया था जिस वजह से 293 यात्री फंस गए थे और उनका आखिरकार 2 दिन के बाद सफल रेस्क्यू किया गया। जी हां, द्वितीय केदार मद्महेश्वर को जोड़ने वाला रांसी-गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर पुल के बाद दो दिन से फंसे 293 यात्रियों का सकुशल रेस्क्यू किया गया है। इन यात्रियों का हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। 190 यात्रियों को नानू से रांसी पहुंचाया गया तो वहीं, 103 यात्रियों को रस्सी के सहारे नदी पार कराते हुए गौंडार गांव पहुंचाया गया। दो दिनों तक गांव वालो यात्रियों और प्रशासन की जान अटकी हुई थी अगर आखिरकार सभी का सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है।हेलिकॉप्टर द्वारा लगभग 60 शटल की गईं और एक गर्भवती महिला सहित 190 यात्रियों को नानू से रांसी पहुंचाया गया।
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49 यात्री रस्सी के सहारे नदी को पार कराते हुए गौंडार गांव पहुंचाए गए। उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि सभी फंसे 293 यात्रियों का सकुशल रेस्क्यू कर दिया गया है। बता दें कि बीते रविवार देर रात से सोमवार सुबह सात बजे तक हुई तेज बारिश से गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर बणतोली के समीप सरस्वती नदी पर बना पैदल स्टील गार्डर पुल बह गया। पुल बहने से मद्महेश्वर मंदिर का गौंडार गांव सहित पूरे जिले से संपर्क कट गया था। इस दौरान पैदल मार्ग से मंदिर तक 293 यात्री फंस गए थे। सोमवार को खराब मौसम के कारण रेस्क्यू नहीं हो पाया था। वहीं 15 अगस्त को रेस्क्यू (madmaheshwar rescue operation update) शुरू हुआ।एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन ने रस्सी के सहारे दूसरे छोर से 52 यात्रियों को गौंडार गांव पहुंचाने में सफलता पाई थी। हेलीकॉप्टर की सहायता से और गांव वालों की सहायता से बाकी यात्रियों का भी सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है।