देहरादून: दरोगा भर्ती मामले में सस्पेंड चल रहे 20 दरोगाओं को पुलिस मुख्यालय ने बहाल कर दिया है। पिछले एक साल से सस्पेंड इन दरोगाओं के लिए ये बड़ी राहत है।
Police Daroga Bharti Case Update
मुख्यालय ने सभी सस्पेंड दरोगाओं की बहाली के आदेश दिए हैं। विजिलेंस की अंतिम रिपोर्ट और शासन के आदेश के बाद ही दरोगाओं पर आगे की कार्रवाई और उनके भविष्य का फैसला लिया जाएगा। एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा ने सभी जिलों के कप्तानों को पत्र लिखकर सभी दरोगाओं को बहाल करने के निर्देश दिए हैं और साथ ही सभी दरोगाओं को विजलेंस की जांच में सहयोग करने के लिए भी कहा है। मामले की जांच चलती रहेगी, अगर जांच में कोई दोषी मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यहां आपको पूरा मामला भी बताते हैं। साल 2015-16 में कांग्रेस की तत्कालीन हरीश रावत सरकार के दौरान दरोगा के 339 पदों पर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ने सीधी भर्ती परीक्षा कराई थी।
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साल 2022 में जब यूकेएसएसएससी की भर्ती परीक्षाओं में नकल और लेन-देन का पर्दाफाश हुआ तो साल 2015-16 में हुई दारोगा भर्ती में भी घपला होने की बात सामने आई थी। इसके बाद दरोगा भर्ती परीक्षा की भी जांच हुई और प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर जनवरी 2023 में 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया गया। इनमें जिला देहरादून से दरोगा ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास,जैनेंद्र राणा और निखिलेश बिष्ट, जिला ऊधमसिंहनगर से दरोगा दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश और संतोषी, जिला नैनीताल से दरोगा नीरज चौहान, आरती पोखरियाल, प्रेमा कोरमा और भावना बिष्ट शामिल हैं। जबकि चमोली से गगन मैठाणी, जिला चंपावत से तेज कुमार और एसडीआरएफ में दरोगा मोहित सिंह रौथाण शामिल हैं। फिलहाल इन सभी को राहत दे दी गई है। विजिलेंस की जांच जारी है। अंतिम रिपोर्ट के बाद शासन के आदेश पर ही दरोगाओं पर आगे की कार्रवाई और उनके भविष्य का फैसला लिया जाएगा।