नैनीताल: 12वीं बोर्ड परीक्षा के प्रदेश टॉपर पीयूष खोलिया विवेकानंद इंटर कॉलेज रानीधारा (हल्द्वानी) के छात्र हैं। बेहद संघर्ष के बाद इन्हें यह सफलता मिली है, छह साल पहले पिता को खो चुके हैं पीयूष।
Uttarakhand Board Intermediate Topper Piyush Kholia Success Story
उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद कई ऐसे छात्रों ने टॉप किया है जिन्होंने विषम परिस्थितियां होने के बावजूद भी बोर्ड की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया और अपने जिले या प्रदेश में टॉप करके स्कूल और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। उनमें से एक छात्र हैं पीयूष खोलिया जिनका जीवन काफी संघर्षमय रहा है इन्होने सात साल पहले अपने पिता को खो दिया था। जिसका बाद उनकी माँ ने हौसला बढ़ाया और बेटे ने फिर सफलता का परचम लहराया।
पांचवी में खो चुके थे पिता को
पीयूष ने बताया कि जब वे 5वीं में थे तो उनके पिता का निधन हो गया था। स्वर्गीय पिता के.एस. खोलिया भी विवेकानंद इंटर कॉलेज में शिक्षक थे और उनकी माता भगवती खोलिया विवेकानंद बालिका विद्या मंदिर जीवनधाम में शिक्षिका हैं। वे घर के इकलौते बेटे हैं जिसके बाद कम उम्र से ही उन्होंने जिम्मेदारियां उठाना सीख लिया। पीयूष की कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है जो कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। यह दर्शाता है कि शिक्षा के प्रति समर्पण और कड़ी मेहनत से कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
पीयूष ने बताया अपनी सफलता का मंत्र
पीयूष ने बताया कि वे रोजाना आठ घंटे पढ़ते थे और वे कभी टूशन नहीं गए उन्होंने हमेशा से ही खुद से पढाई की है वे खुद से नोट्स बनाकर उन्हें पढ़ते थे। उन्होंने बताया कि परीक्षा के समय टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। सुबह जागने से लेकर एक्सरसाइज, खाना, पढ़ाई और अच्छी नींद सभी कुछ समय से होना चाहिए। पढ़ाई के समय के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
भौतिक और रसायन विज्ञान में प्राप्त किए पूरे अंक
पीयूष ने भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान में पूरे 100 -100 अंक प्राप्त किए हैं और गणित में 95, जीव विज्ञान में 99, अंग्रेजी में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। उन्होंने बताया कि अंकों से खुद का आकलन करना गलत है। पढ़ाई रटने के लिए न करें, विषयों को समझना जरुरी है। गणित और भौतिक विज्ञान विषयों के सवालों का पूर्वाभ्यास करें। जो सवाल नहीं आता है उसे बार-बार हल करें।