उत्तराखंड देहरादूनMDDA in Action Mode From Today On Illegal Construction

देहरादून: रिस्पना नदी के किनारे 27 बस्तियों पर आज से चलेगा बुलडोजर, 524 अवैध निर्माणों पर एक्शन

राजधानी देहरादून के रिस्पना नदी के किनारे चिन्हित अवैध बस्तियों पर एमडीडीए अब कार्रवाही करने को तैयार है। एनजीटी की और से 30 जून तक अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

Encroachment in illegal settlements: MDDA in Action Mode From Today On Illegal Construction
Image: MDDA in Action Mode From Today On Illegal Construction (Source: Social Media)

देहरादून: नगर निगम ने रिस्पना नदी के किनारे स्थित 27 बस्तियों में 524 अतिक्रमण चिह्नित किए थे। इनमें से अधिकतर रिवरफ्रंट योजना की भूमि के अंतर्गत आते हैं। जिन पर एमडीडीए आज से कार्रवाई करने जा रहा है।

MDDA in Action Mode From Today On Illegal Construction On Banks of Rispana

देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे और अन्य क्षेत्रों पर बसे 89 अवैध अतिक्रमण को नगर निगम पहले ही नोटिस जारी कर चुका है। अब आज से एमडीडीए की ओर से नोटिस जारी किए जाएंगे। एनजीटी के निर्देश पर नगर निगम ने काठबंगला बस्ती से मोथरोवाला तक लगभग 13 किमी लंबाई में रिस्पना के किनारे स्थित 27 मलिन बस्तियों का सर्वेक्षण किया है। जहां वर्ष 2016 के बाद किए गए 524 निर्माण चिह्नित किए गए हैं। वर्ष 2016 के बाद किए गए इन अतिक्रमणों में 89 नगर निगम की भूमि, 12 नगर पालिका मसूरी की भूमि, और 11 नान जेड ए श्रेणी की भूमि शामिल हैं, जिन्हें खाली करने के नोटिस जारी किए जा चुके हैं। जबकि शेष 412 अतिक्रमण रिवरफ्रंट योजना के लिए एमडीडीए को हस्तांतरित भूमि पर पाए गए हैं। एमडीडीए आज से इन पर कार्रवाई शुरू करने जा रहा है।

रिवरफ्रंट भूमि पर बसे अतिक्रमण को हटाया जाएगा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नगर निगम को रिवरफ्रंट योजना के अंतर्गत आने वाली भूमि पर किए गए अतिक्रमणों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून में मुख्य रूप से रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारों को रिवरफ्रंट योजना के तहत विकसित करने की योजना पर वर्षों पूर्व तैयारी की गई थी, जिसके लिए सरकार ने पहले चरण में पहल की थी। नदी के किनारों के विकास की जिम्मेदारी एमडीडीए को सौंपी गई थी, लेकिन योजना को मंजूरी नहीं मिली और रिवरफ्रंट योजना की भूमि पर अनधिकृत कब्जे हो गए। नगर निगम द्वारा जारी अवैध कब्जों के लिए दिए गए नोटिस का समयावधि 15 मई को समाप्त हो गई है। अब इन कब्जों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो रही है, लेकिन चारधाम यात्रा के कारण दून में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पा रही है।