देहरादून: शासनादेश में खिलाड़ियों के लिए 156 पद निकाले गए थे लेकिन केवल 31 पदों पर ही नियुक्ति पत्र जारी किए गए। 81 प्रतिशत पद अभी भी रह गए खाली रह गए हैं। राज्य में खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी की पहली बार की गई व्यवस्था के बावजूद पात्र खिलाड़ी नहीं मिल रहे।
Players Were Not Found For Government Jobs In Uttarakhand
एक तरफ जहाँ प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है वहीं दूसरी ओर खेल नीति के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक लाने वाले उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरी की व्यवस्था की गई है लेकिन इसके बाद भी राज्य में योग्य खिलाड़ियों की कमी हैं। खेल विभाग के अनुसार वर्तमान में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, बिहार समेत कई राज्यों में पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए सीधे सरकारी नौकरी प्रदान की जाती है। लेकिन पहले उत्तराखंड में यह व्यवस्था न होने के कारण, राज्य के पदक विजेता खिलाड़ी अपने सुरक्षित भविष्य के लिए अन्य राज्यों से खेल रहे थे।
खिलाड़ियों के इस पलायन से उत्तराखंड अपनी खेल प्रतिभाओं के होते हुए भी अन्य राज्यों से खेलों में पिछड़ रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए सीधे सरकारी नौकरी की व्यवस्था आवश्यक मानी गई। खेल नीति में इस बदलाव के बाद 14 सितंबर 2023 को खिलाड़ियों के लिए आउट ऑफ टर्न नियुक्ति का शासनादेश जारी किया गया।