देहरादून: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर आज का दिन प्रदेश के लिए विशेष है, दरअसल आज धामी सरकार UCC की रिपोर्ट को जनता के सामने रख लिया है और इसे लागू करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है उम्मीद है दो-तीन महीने बाद अक्टूबर तक UCC in Utttarakhand पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
Uttarakhand UCC Report Made Public Today
यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की नियमावली तैयार करने के लिए गठित कमेटी ने अपना काम लगभग पूरा कर लिया है। इस समय यूसीसी पोर्टल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। नियमावली तैयार हो जाने के बाद उत्तराखंड सरकार इसे राज्य में लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी।
चार खंडों में तैयार यूसीसी रिपोर्ट
उत्तराखंड राज्य सरकार ने आज 12 जुलाई 2024 को समान नागरिक संहिता की रिपोर्ट को जारी कर दिया है, यूसीसी रिपोर्ट को चार प्रमुख खंडों में तैयार किया गया है:
पहला खंड- एक्सपोर्ट कमेटी की रिपोर्ट,
दूसरा खंड- ड्राफ्ट कोड,
तीसरा खंड- स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन की रिपोर्ट और
चौथा खंड- प्रारूप संहिता पर आधारित है।
रूल्स मेकिंग और इंप्लीमेंटेशन कमेटी के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण रिपोर्ट को पहले जनता के साथ साझा नहीं किया जा सका। अब शुक्रवार को यूसीसी की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया गया है और अब लोग यूसीसी की वेबसाइट http://ucc.uk.gov.in पर जाकर इसके चारों खंड पढ़ सकते हैं।
यूसीसी रिपोर्ट के लिए कई लोग लगा चुके हैं आरटीआई
पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी 12 जुलाई को यूसीसी की रिपोर्ट को वेबसाइट पर अपलोड करके आम लोगों के लिए उपलब्ध कराएगी। रिपोर्ट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगी, ताकि लोग इसे आसानी से समझ सकें। कमेटी के सदस्य मनु गौड़ ने बताया कि रिपोर्ट के बारे में लोगों के कई सवाल आ रहे थे, यहाँ तक अनेक लोग कि यूसीसी रिपोर्ट के लिए आरटीआई भी लगा रहे हैं, इसलिए अब इसे सार्वजनिक किया जा रहा है।
जानिए यूसीसी के मुख्य प्रावधान
1. बाल विवाह, बहु विवाह और तलाक जैसी कुरीतियों पर रोक लगेगी: यूसीसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करेगा और सभी धर्मों में समान नियम लागू करेगा।
2. धर्म की संस्कृति और रीति-रिवाज पर इस कानून का असर नहीं होगा: यूसीसी धर्म की मान्यताओं और परंपराओं को प्रभावित किए बिना लागू होगा।
3. लड़के के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़की के लिए 18 साल होगी: विवाह की न्यूनतम उम्र सभी धर्मों में समान होगी।
4. विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा: पंजीकरण न कराने पर सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
5. पति-पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरा विवाह प्रतिबंधित होगा: एक व्यक्ति के जीवित रहते हुए दूसरा विवाह नहीं किया जा सकेगा।
6. धर्म परिवर्तन पर एक व्यक्ति को तलाक और गुजारा भत्ता का अधिकार होगा: यदि एक व्यक्ति धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे को तलाक और गुजारा भत्ता का अधिकार मिलेगा।
7. तलाक और घरेलू झगड़ों के मामलों में 5 साल तक के बच्चे की कस्टडी मां के पास रहेगी।
8. सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार मिलेगा।
9. संपत्ति में बेटा-बेटी को समान अधिकार मिलेगा और नाजायज बच्चों को भी अधिकार प्राप्त होंगे।
10. लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य होगा और लिव-इन में पैदा हुए बच्चों को जैविक संतान की तरह सभी अधिकार मिलेंगे।