उत्तराखंड हरिद्वारSix Dacoits Rob Jewellery Showroom Worth Rs 5 Crore

Uttarakhand News: 12 मिनट में 5 करोड़ की डकैती, बालाजी ज्वेलर्स को फिल्मी स्टाइल में लूट गए 6 लुटेरे

ग्राहक बनकर आये डकैतों ने एक ज्वेलरी शोरूम में करोड़ों की डकैती की घटना को अंजाम दिया है।

Six Dacoits Rob Jewellery Showroom: Six Dacoits Rob Jewellery Showroom Worth Rs 5 Crore
Image: Six Dacoits Rob Jewellery Showroom Worth Rs 5 Crore (Source: Social Media)

हरिद्वार: बदमाशों ने हथियारों से स्टाफ को डराते हुए, बेहद सटीक तरीके से हथौड़े से शोकेस को तोड़ा। वारदात को महज 12 मिनट में अंजाम देने के बाद, उन्होंने शोरूम में मिर्ची स्प्रे छिड़का और तुरंत ही पास खड़े अपने दोपहिया वाहन पर बैठकर वहां से भाग निकले।

Six Dacoits Rob Jewellery Showroom Worth Rs 5 Crore

हरिद्वार में श्री बालाजी ज्वेलर्स में ग्राहक बनकर दाखिल हुए हथियारबंद बदमाश महज 12 मिनट में करीब पांच करोड़ का डाका डालकर फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि बदमाश अत्यधिक प्रोफेशनल थे और उन्होंने केवल दहशत फैलाने के लिए शोरूम मालिक पर गोली चलाई थी। घटना का पूरा विवरण शोरूम में लगे कैमरों में कैद हो गया है। इस गैंग के दो बदमाश सबसे पहले ग्राहक के रूप में शोरूम में आए और उनमें से एक ने शोरूम स्टाफ को नमस्कार करते हुए सोने का कड़ा देखने की बात कही। शोरूम की सेल्सगर्ल कड़ा दिखाने में व्यस्त थी तभी शोरूम में मौजूद दो महिला ग्राहक निकल गईं।

12 मिनट में पूरी वारदात को दिया अंजाम

इसी बीच एक बदमाश कुर्सी से उठकर सीधे काउंटर पर पहुंचा और अपनी जींस की जेब से पिस्टल निकालकर शोरूम मालिक की तरफ तानते हुए ऊपर की ओर गोली चला दी। इसी समय बाहर मौजूद गैंग के अन्य सदस्य तेजी से अंदर दाखिल हो गए। उन्होंने हथियारों की नोंक पर पूरे स्टाफ को डराते हुए बड़ी ही चालाकी से हथौड़े से शोकेस तोड़ डाले। महज 12 मिनट में इस वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाशों ने शोरूम में मिर्ची स्प्रे छिड़का और पास खड़े अपने दोपहिया वाहनों पर सवार होकर फरार हो गए।

पूरी तैयारी के साथ आए थे डकैत

सीसीटीवी फुटेज में यह भी दिख रहा है कि दो बदमाशों ने अपने मुंह पर रूमाल बांधा हुआ था। हालांकि कुछ बदमाशों ने अपने चेहरे नहीं ढके थे। उनके दुस्साहस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वारदात को अंजाम देते वक्त वे बिल्कुल भी घबराए नहीं थे। जेवरात समेटने के दौरान उन्होंने स्टाफ को डरा-धमकाकर उनसे भी मदद ली जिससे साफ होता है कि वे इस घटना को पूरी तैयारी और आत्मविश्वास के साथ अंजाम दे रहे थे।