रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ धाम जो दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिरों में से एक है, जल्द ही नए स्वरूप में दिखेगा। सरकार ने इसके जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की मंजूरी दी है, जिसमें कुछ शर्तों का पालन करना होगा।
Approval Given For Renovation of Tungnath Dham
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) से तकनीकी परामर्श मांगा था। दोनों विभागों के विशेषज्ञों ने मंदिर का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट दी और अब बीकेटीसी ने सीबीआरआई रुड़की से भी राय मांगी है। रिपोर्ट जल्द मिलने की उम्मीद है और इस बीच संरक्षण कार्यों के लिए शासन से सैद्धांतिक सहमति का अनुरोध किया गया है।
तुंगनाथ मंदिर जीर्णोद्धार को मिली अनुमति
उत्तराखंड के सचिव धर्मस्व और संस्कृति हरिचंद्र सेमवाल ने तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए बीकेटीसी को अनुमति दे दी है। मंदिर की पौराणिकता को ध्यान में रखते हुए, सभी कार्यों की डीपीआर और क्रियान्वयन सीबीआरआई रुड़की के माध्यम से किया जाएगा। इसके साथ ही एएसआई और जीएसआई के विशेषज्ञों के साथ समन्वय में यह काम संपन्न होगा।